Last Updated: Thursday, June 20, 2013, 21:06
रामपुर : हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के बाद चार दिनों तक फंसे रहे दूरदर्शन की पत्रकार ने गुरुवार को वहां से निकल आने के बाद कहा कि अब वह जगह मौत का जाल है। यहां से 320 किलोमीटर दूर पूह से वायुसेना के हेलीकाप्टर द्वारा बचाए जाने के बाद दूरदर्शन की समाचार संपादक नंदिनी मित्तल ने बताया कि वहां न तो बिजली है और न ही पानी। रविवार से पूरी संचार व्यवस्था ठप है।
मित्तल और उनके दो सहयोगियों और कुछ पर्यटकों को वायुसेना के विमान ने बचाया। रामपुर राहत एवं बचाव अभियान का आधार शिविर है। उन्होंने शिकायत की कि पूह तक न तो राज्य सरकार का राहत एवं बचाव दल या राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकारण का दल पहुंचा।
उन्होंने कहा कि चार दिनों तक पूह में यही जद्दोजहद रही। हर सुबह हमें हेलीपैड तक पहुंचने के लिए कहा जाता था। हर रोज हमें अगले दिन आने के लिए कहा जाता था। उनकी तरह पंजाब और चंडीगढ़ के करीब 50 पर्यटक वहां फंसे पड़े हैं। मित्तल ने कहा कि फंसे हुए लोगों की मदद के लिए राज्य सरकार का कोई कर्मचारी नहीं है। स्थानीय लोग परोपकारी हैं। उन्हीं लोगों ने हमें भोजन और आश्रय दिया। आवश्यक सामग्री भी नहीं गिराई गई है। स्थानीय लोगों का राशन पानी भी पांच से छह दिनों में खत्म हो जाएगा।
मित्तल का दल एक आधिकारिक अभियान पर था। जिस समय तूफानी बारिश में वे लोग फंस गए उस समय उनकी टीम चीन की सीमा से सटे शीत मरुभूमि खाब में थे। पूह से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 22 वर्षा और जमीन खिसकने के कारण कई जगहों पर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्होंने बताया कि हेलीकाप्टर की मदद के लिए उन्हें और अन्य लोगों को खाब से पूह पहुंचने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि अपने वाहन को छोड़ कर हम पैदल ही 15 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय कर पूह पहुंचे। पूह में हमारा मार्गदर्शन करने के लिए कोई सरकारी अधिकारी नहीं था। अंतत: हमने सेना की एक इकाई से मदद ली। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 20, 2013, 21:04