Last Updated: Friday, December 9, 2011, 14:07
मुंबई : शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने शुक्रवार को अन्ना हजारे को आड़े हाथों लिया। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को थप्पड़ जड़ने की घटना को सही बताने वाले गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान पर सवाल उठाते हुए ठाकरे ने कहा है कि ऐसा लगता है कि टीम अन्ना सिर्फ शरद पवार को निशाना बना रही है। उन्होंने दो टूक कहा कि गांधी टोपी पहन लेने से अन्ना गांधी नहीं बन जाएंगे।
शिव सेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में ठाकरे ने लिखा कि अन्ना को केवल पवार ही भ्रष्ट नेता नजर आते हैं जबकि अन्य धुले हुए चावलों की तरह साफ छवि के लगते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो लोकपाल बिल केवल पवार के खिलाफ प्रस्तावित होना चाहिए। आप (अन्ना) जंतर-मंतर पर अनशन क्यों कर रहे हैं? क्यों अपनी हड्डियों को कष्ट दे रहे हैं। पवार भी आपके ही राज्य के हैं तो क्यों देश के सामने अपने ही राज्य की बेइज्जती कर रहे हैं? आप केवल उन्हीं को निशाना क्यों बना रहे हैं।
उन्होंने मंगलवार को अन्ना के ब्लॉग पर लिखे उस बयान के प्रति गुस्सा जाहिर किया है, जिसमें कहा गया था कि भ्रष्टाचार को छिपाना पवार की पुरानी आदत है। ठाकरे ने सवाल उठाया कि अन्ना उन लोगों के खिलाफ क्यों नहीं बोलते जो गृहमंत्री पी. चिदंबरम का सहयोग कर रहे हैं। चिदंबरम पर 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में संलिप्तता के आरोप लग रहे हैं। बढ़ती महंगाई और भ्रष्टाचार को लेकर पिछले महीने एक व्यक्ति ने पवार के गाल पर तमाचा जड़ा था। तब अन्ना ने कहा था सिर्फ एक ही थप्पड़ मारा?
हालांकि बाद में उन्होंने अपने बयान पर सफाई भी पेश की थी। इस वाक्ये को लेकर ठाकरे ने लिखा है कि गांधी ने कभी हिंसा का समर्थन नहीं किया। अन्ना को अगर गांधी बनना है तो केवल टोपी पहनने से कुछ नहीं होगा, बल्कि उनके विचारों का पालन करना होगा। ठाकरे का मानना है कि अन्ना अपने साथियों के हाथ की कठपुतली बनकर रह गए हैं। अन्ना और उनकी टीम में सोनिया गांधी, उनके रिश्तेदार और बोफोर्स घोटाले के खिलाफ आवाज उठाने का दम नहीं है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, December 9, 2011, 21:38