Last Updated: Sunday, July 28, 2013, 21:54

लखनऊ : उत्तरप्रदेश सरकार ने हाल के दिनों में खनन माफिया के खिलाफ अभियान चलाने के लिए चर्चा में रहीं गौतम बुद्ध नगर की उपजिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को राज्य में पहली तैनाती के महज 10 महीने बाद ही निलंबित कर दिया।
प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यहां बताया, ‘वर्ष 2009 बैच की आईएएस अधिकारी और गौतम बुद्ध नगर (सदर) तहसील की उपजिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को एक धार्मिक स्थल से जुड़े विवाद के सिलसिले में शनिवार देर रात निलंबित कर दिया गया।’ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज ट्विटर पर लिखा, ‘यह प्रशासनिक निर्णय है। उन्होंने धार्मिक स्थल की दीवार को गिराने का आदेश दिया था।’ उन्होंने बहरहाल इस संबंध में विस्तार से कुछ बताने से इन्कार कर दिया है।
नागपाल ने हाल के दिनों में यमुना और हिन्डन नदी के तटवर्ती इलाकों में चल रहे अवैध खनन के विरुद्ध अभियान चला रखा था और अवैध खनन के मामले में लगभग दो दर्जन प्राथमिकियां दर्ज करवायी थीं। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि युवा आईएएस अधिकारी नागपाल का निलंबन सत्तारूढ़ दल से जुड़े अवैध खनन माफिया के दबाव में किया गया है।
भाजपा नेता कलराज मिश्र ने कहा कि सरकार का यह कदम दर्शाता है कि वह ऐसे अधिकारियों को पसंद नहीं करती जो माफिया के खिलाफ अभियान चलाते हों। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (दुर्गा) क्या गलती की थी? यह समझ से परे है। लेकिन ऐसा महसूस किया जा रहा है कि उन्हें माफिया के दबाव में निलंबित किया गया।’ पिछले सप्ताह दुर्गा ने जोर देकर कहा था कि अनधिकृत निर्माण के खिलाफ संघर्ष में कोई कमी नहीं लायी जाएगी। (एजेंसी)
First Published: Sunday, July 28, 2013, 21:54