Last Updated: Monday, September 16, 2013, 18:57
ज़ी मीडिया ब्यूरोदिल्ली की शान दिल्ली मेट्रो। देश की पहली और सबसे आधुनिक मेट्रो अब तक के सबसे आरामदायक और सुरक्षित सफर के लिए भी मानी जाती है। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि मेट्रो की साफ-सफाई और उसके इंतजामों के बीच सुरक्षा में सेंध लग रही है। मेट्रो के स्टेशन कपल्स के लिए मीटिंग और डेटिंग ही नहीं, शारीरिक संबंधों की जगह भी बन चुके हैं। ज़ी मीडिया की क्राइम एंड इन्वेस्टिगेशन टीम को जब इस बात की जानकारी मिली तो शुरुआत में हमें भी यकीन नहीं हुआ लेकिन जब दिल्ली के मेट्रो स्टेशनों की रिएलिटी चैक शुरू किया गया तो यह बात 100% सच साबित हुई।
मेट्रो स्टेशनों पर तैनात फॉर्थ क्लास कर्मचारी मेट्रो के प्रशासनिक कामों और जनसुविधाओं के लिए बने कमरों को किराए पर देने का काम कर रहे हैं। ऑन डिमांड मेट्रो स्टेशनों पर बॉथरुम, टॉयलेट और विकलांगों के लिए बनाए गए विशेष सुविधा कक्ष को कुछ इस तरह से तब्दील कर दिया जाता है कि वो यौन जोड़ों के लिए इंटिमेट मोमेंट्स के प्वाइंट बन सकें। इसके लिए युवा जोड़ों के हाव-भाव को देखकर उनसे किराया भी वसूला जाता है। एक घंटे का किराया 500 रुपए तक हो सकता है। ऐसा किसी एक स्टेशन पर नहीं, बल्कि ज्यादातर मेट्रो स्टेशन्स पर हो रहा है।
पश्चिम विहार वेस्ट मेट्रो स्टेशन-(कन्वर्सेशन सीक्वेंस) मेट्रो स्टाफ- 500 रुपये दे दियो।
रिपोर्टर- 500 रुपये लगते हैं क्या ? कितने लोगे ?
मेट्रो स्टाफ- दे दियो 500 और क्या ?
रिपोर्टर- 500 बहुत ज्यादा हैं।
मेट्रो स्टाफ- मजा आनंद तू लेगा भाई, मजे लेगा तो पैसे भी खर्च करेगा।
राजधानी पार्क मेट्रो स्टेशन- (कन्वर्सेशन सीक्वेंस) रिपोर्टर- कमरा मिल जायेगा।
मेट्रो स्टाफ- कमरा कब के लिए चाहिए ?
रिपोर्टर- गर्लफ्रेंड साथ में है, कब मिल पायेगा ?
मेट्रो स्टाफ- कल मिल जायेगा, 200 रुपये लगेंगे।
रिपोर्टर- यहां कोई आयेगा तो नहीं ?
मेट्रो स्टाफ- यहां कोई नहीं आयेगा, कुंडी बंद कर लेना, बस शोर मत करना।
यही हाल रेस कोर्स मेट्रो स्टेशन, अशोक पार्क मेट्रो स्टेशन, ग्रीन पार्क मेट्रो स्टेशन, मादीपुर मेट्रो स्टेशन और जोरबाग मेट्रो स्टेशन का भी था।
सुरक्षा में संकट बन सकते हैं लालची कर्मचारी जिस तरह से महज 500 रुपए के लिए मेट्रो स्टेशनों के कर्मचारी अपने बॉथरुम, टॉयलेट्स और रुम्स को युवा जोड़ों को किराए पर दे सकते हैं, उससे मेट्रो का सुरक्षा घेरा टूट सकता है। क्या हुआ अगर आतंकी संगठन क्लिनिंग स्टाफ के लालच को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर लिया। दिल्ली पुलिस और सीआईएसएफ दोनों इसे सुरक्षा में बड़ी चूक मानते हैं।
मुकेश कुमार मीणा, ज्वाइंट सीपी, मेट्रो एंड रेलवे ‘मेट्रो स्टेशनों पर पैसे लेकर युवा जोड़ों को कमरे उपलब्ध कराने की बात से मेट्रो की साख को बट्टा लगा है। दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दे दिये हैं।’
हेमेंद्र सिंह, CPRO, CISF ‘मेट्रो स्टेशन पर युवा जोड़ों को कमरे मुहैया कराने की बात काफी गंभीर है। इस मसले पर मेट्रो प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए।’
नोट- अगर आप भी किसी गुनाह की जानकारी रखते हैं तो ज़ी मीडिया की क्राइम एंड इन्वेस्टिगेशन टीम को
crime@zeemedia.esselgroup.com पर संपर्क करें।
First Published: Monday, September 16, 2013, 18:49