Last Updated: Wednesday, December 26, 2012, 16:32

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल सुभाष चंद तोमर को प्रदर्शनकारियों ने नहीं पीटा था बल्कि वह चलते हुए अचानक बेहोश होकर गिर पड़े थे। यह दावा एक प्रत्यक्षदर्शी ने किया है।
गौर हो कि कांस्टेबल सुभाष चंद की मंगलवार को यहां एक अस्पताल में मौत हो गई थी और उनका निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अभी तक रिपोर्ट यह है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की घटना के खिलाफ इंडिया गेट पर विरोध-प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गए थे और इसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शी योगेन्द्र के अनुसार, वह और उसकी एक महिला दोस्त ने मिलकर कांस्टेबल को अस्पताल पहुंचाया। जबकि वह और उसकी महिला दोस्त भी प्रदर्शनों के दौरान घायल हुए थे। योगेन्द्र ने गौर किया था कि प्रदर्शनकारियों की तरफ बढ़ते समय कांस्टेबल तोमर की हालत खराब है और गश खाते नजर आए।
उधर, दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि गैंगरेप के खिलाफ इंडिया गेट पर प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कांस्टेबल सुभाष चंद तोमर को पीटा। इस केस में आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसमें अरविदं केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का एक सदस्य भी शामिल है।
गौर हो कि हवलदार सुभाष चंद तोमर (47) तिलक मार्ग पर घायल अवस्था में मिले थे जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। तोमर ने मंगलवार सुबह राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दम तोड़ दिया। रविवार शाम को अस्पताल में भर्ती होने के बाद से ही वह वेंटिलेटर पर थे। मंगलवार सुबह छह बजकर 40 मिनट पर मौत हो गई। तोमर उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले थे। तोमर करावल नगर इलाके में तैनात थे। रविवार को इंडिया गेट पर प्रदर्शन के दौरान उन्हें कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंडिया गेट बुलाया गया था।
First Published: Wednesday, December 26, 2012, 10:34