Last Updated: Monday, November 19, 2012, 14:48
मुम्बई: शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के पसंदीदा समाचार पत्र `सामना` (मराठी) और `दोपहर का सामना` (हिन्दी) सोमवार को लगातार दूसरे दिन काले रंग के कवर पृष्ठों के साथ प्रकाशित हुए। ठाकरे ने ही ये दोनों समाचार पत्र शुरू किए थे। ठाकरे ने 23 जनवरी, 1988 को मराठी लोगों के लिए `सामना` शुरू किया था। वह इसके संस्थापक और सम्पादक भी थे। इसके रोजमर्रे के काम का निर्धारण हालांकि कुछ चुनिंदा व विश्वसीय कार्यकारी सम्पादक करते थे। ठाकरे के शनिवार को निधन के बाद रविवार को पहली बार इसके दो मुख्य कवर पृष्ठ काले रंग में प्रकाशित हुए। इसके शुरू होने के बाद ऐसा पहली बार हुआ। सोमवार को भी इसके कवर पृष्ठ काले रंग में प्रकाशित हुए।
समाचार पत्र के जैकेट कवर में बाल ठाकरे की बड़ी सी तस्वीर है, जिस पर मराठी में लिखा है `दुनिया ने शिवसेना प्रमुख की ताकत और शिव सैनिकों का समर्पण देखा।` इसमें एक छोटा सा समाचार भी लिखा गया है कि रविवार को उनकी अंतिम यात्रा के दौरान किस तरह बड़ी संख्या में भीड़ शिवसेना भवन के बाहर एकत्र हो गई थी।
शिवाजी पार्क में ठाकरे की अंत्येष्टि का जिक्र करते हुए समाचार पत्र के भीतर मुख्य कवर पर शीर्षक लिखा है, `शिवतीर्थ की गोद में तूफान शांत हो गया।` गौरतलब है कि ठाकरे शिवाजी पार्क को शिवतीर्थ कहा करते थे। समाचार पत्र में ठाकरे की अंतिम विदाई की कई तस्वीरें भी थीं।
`दोपहर का सामना` भी सोमवार को काले रंग के कवर पृष्ठों के साथ प्रकाशित हुए। रविवार को भी यह काले रंग के कवर पृष्ठों के साथ प्रकाशित हुआ था। हालांकि यह समाचार पत्र आम तौर पर रविवार को बंद रहता है। लेकिन ठाकरे को श्रद्धांजलि देने के लिए इसका विशेष संस्करण निकाला गया था।
`दोपहर का सामना` के सोमवार के अंक में ठाकरे के शोक संतप्त बेटे उद्धव को अंत्येष्टि करते हुए दिखाया गया। इसमें शीर्षक लिखा गया है, `आग की लपटों के हवाले हो गया ज्वालामुखी।`
ठाकरे ने इस समाचार पत्र की शुरुआत महाराष्ट्र में रह रहे उत्तर भारत के लोगों और नई दिल्ली तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए 23 फरवरी, 1993 में की थी। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 19, 2012, 14:48