Last Updated: Wednesday, April 18, 2012, 10:31
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी नई दिल्ली/भुवनेश्वर : सेना के एक अवकाशप्राप्त अधिकारी ने बुधवार को अपहृत बीजद विधायक झीना हिकाका को रिहा करने के बदले ओड़िशा सरकार को नक्सलियों को जेल से रिहा करने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ओड़िशा अपहरण संकट पर गुरुवार को सुनवाई करेगा।
ओडिशा सरकार की ओर से विधायक की रिहाई के बदले माओवादियों द्वारा नामित लोगों के खिलाफ केसों को वापस लेने की पेशकश किए जाने के ठीक एक दिन बाद यह जनहित याचिका शीर्ष कोर्ट में दाखिल की गई है। पूर्व सैन्य अधिकारी को ओर से दिए पीआईएल पर सुनवाई के लिए एपेक्स कोर्ट को सहमत हो गया है और कल सुनवाई होगी।
सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर माओवादियों की मांगों को पूरा करने से राज्य सरकार को रोकने की मांग की। मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) गंगुरदीप बख्शी ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि राज्य सरकार को नक्सलियों को रिहा करने से रोका जाना चाहिए क्योंकि उन्हें सुरक्षा बलों ने पकड़ा था। सुरक्षा बलों ने उन्हें पकड़ने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी थी।
आतंकवाद निरोधक अभियान विशेषज्ञ बख्शी ने कहा कि उनकी याचिका पर अविलंब सुनवाई की जाए क्योंकि नक्सलियों की ओर से निर्धारित की गई समय सीमा आज शाम पांच बजे खत्म हो जाएगी। उनकी याचिका पर सुनवाई करने पर सहमत होते हुए न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर और न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा की पीठ ने इतनी देर से न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए बख्शी की खिंचाई की। पीठ ने कहा कि आप अंतिम समय में आकर अविलंब सुनवाई करने का अनुरोध कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे केंद्र के विधि अधिकारी की मदद की आवश्यकता होगी। उसने कल मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
वहीं, विधायक हिकाका की रिहाई की समय सीमा आज शाम पांच बजे समाप्त होने के मद्देनजर राज्य के विधायक नवीन पटनायक ने माओवादियों से अपील की वे उन्हें ‘तत्काल’ रिहा कर दें। पटनायक ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि मैं इस युवा विधायक का अपहरण करने वाले माओवादियों से अपील करता हूं कि वे उन्हें तत्काल बिना कोई नुकसान पहुंचाए अच्छी स्थिति में रिहा कर दें। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार ने जेल में बंद उन नक्सलियों में से कुछ की जमानत के लिए प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है, जिसकी मांग माओवादियों की ओर से की गई थी।
विधायक के कोरापुट स्थित घर पर परिवार के सदस्यों से मुलाकात करने वाले पटनायक ने कहा कि परिवार के सदस्य और सरकार विधायक को लेकर ‘बहुत परेशान’ और चिंतित है। पटनायक की ओर से यह अपील राज्य सरकार की ओर से यह कहे जाने के बावजूद आई है कि यदि आदिवासी विधायक को शाम पांच बजे तक रिहा कर दिया जाता है तो सरकार वास्तव में उचित मामलों में अभियोजन वापस लेने पर गंभीरता से विचार करेगी।
उधर, बीजद विधायक हिकाका का अपहरण करने वाले माओवादियों की ओर से तय समयसीमा बुधवार को समाप्त होनी है, लेकिन उनकी रिहाई के बारे में अभी भी कोई जानकारी नहीं है। ओड़िशा सरकार ने हालांकि यह निर्णय किया है कि यदि माओवादी विधायक को रिहा कर देते हैं तो वह जेल में बंद नक्सलियों के खिलाफ ‘उपयुक्त मामलों में अभियोजन वापस लेने पर गंभीरता से विचार करेगी।
First Published: Thursday, April 19, 2012, 11:53