Last Updated: Tuesday, December 13, 2011, 14:28

हैदराबाद : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू की सम्पत्ति की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) तथा अन्य एजेंसियों से कराने के अपने पूर्व के फैसले पर मंगलवार को अस्थायी रोक लगा दी।
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जी. रोहिणी व न्यायमूर्ति आशुतोष मोहंता की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया और कहा कि जांच के आदेश पर तब तक रोक रहेगी, जब तक इस सम्बंध नायडू व रामोजी राव की याचिकाओं का निपटारा नहीं हो जाता। उनकी याचिकाओं पर सुनवाई बुधवार को होगी।
खंडपीठ इस मामले में वाईएसआर कांग्रेस की नेता वाई. एस. विजयम्मा के वकील की दलील भी सुनेगी, जिन्होंने इस मामले को दो पीठों से मौजूदा खंडपीठ के समक्ष स्थानांतरित करने के तरीके पर सवाल उठाए हैं।
इससे पहले 14 नवम्बर को उच्च न्यायालय की ही एक अन्य पीठ ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाई. एस. राजशेखर रेड्डी की विधवा विजयम्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को नायडू, उनके परिवार के सदस्यों, तेदेपा के कुछ नेताओं और मीडिया दिग्गज रामोजी राव की सम्पत्ति की जांच करने तथा तीन माह के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
विजयम्मा ने आरोप लगाया था कि वर्ष 1995 से 2004 के बीच नौ साल तक राज्य का मुख्यमंत्री रहते हुए नायडू ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हुए बड़ी मात्रा में सम्पत्ति अर्जित की।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 13, 2011, 19:58