Last Updated: Sunday, September 16, 2012, 19:00

नागपुर : अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख का दायित्व कुशलतापूर्वक निभाने वाले कुप्पाली सीतारमैय्या (के.एस.) सुदर्शन का अंतिम संस्कार रविवार शाम कर दिया गया। शनिवार तड़के छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था। उनका शव शनिवार शाम तक आरएसएस के नागपुर स्थित राष्ट्रीय मुख्यालय लाया गया।
पूर्व सरसंघ चालक 81 वर्ष के थे। वह दक्षिण भारतीय मूल के पहले आरएसएस प्रमुख थे। उनके परिवार में एक भाई और एक बहन हैं। सुदर्शन कुछ समय से बीमार थे और उनकी देखभाल के लिए एक व्यक्ति को रखा गया था। आरएसएस मुख्यालय के एक अधिकारी विकास तेलंग के मुताबिक सुदर्शन रोज की तरह शनिवार सुबह भी टहलने के लिए निकले थे। टहलने के बाद वह आरएसएस के रायपुर स्थित मुख्यालय लौटे।
तेलंग ने बताया कि संघ के कुछ स्वयंसेवकों ने देखा कि सुदर्शन अपने कमरे में ध्यान लगाने के दौरान नीचे झुक गए। उन्हें देखकर लगा कि वह सो गए हैं, स्वयंसेवकों ने उन्हें हिलाया लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं थी। बाद में डॉक्टर को बुलाया गया, उसने पुष्टि की कि उनका निधन हो गया है।
सुदर्शन का जन्म रायपुर में हुआ था। उन्होंने टेलीकॉम इंजीनियरिंग की। वह 1953 में 19 वर्ष की आयु में आरएसएस में कार्यकर्ता के तौर पर शामिल हो गए। सुदर्शन ने 2000-2009 के दौरान आरएसएस का नेतृत्व किया है।
बाद में वह स्वास्थ्य सम्बंधी दिक्कतों के चलते स्वैच्छिक रूप से अपने पद से हट गए। वह कई भाषाओं के ज्ञाता, प्रभावी वक्ता तथा कई पुस्तकों के रचयिता थे। सुदर्शन ने मरने के बाद माधव आई बैंक को अपनी आंखें दान में दे दी थीं।
सुदर्शन का परिवार कर्नाटक का रहने वाला माना जाता है। परंतु वास्तव में उनके पूर्वज तमिलनाडु के संकेती के रहने वाले थे और इसलिए उनकी मातृभाषा तमिल और तेलुगू मिश्रित शकैटी है। सुदर्शन के पिताजी सीतारामय्या मध्य प्रदेश शासन के वन विभाग में सेवारत होने के कारण मध्य प्रदेश आए थे। अपने सेवाकाल में वह प्रांत के कई स्थानों पर रहे। उनके साथ रहते हुए ही दमोह, मंडला, रायपुर आदि स्थानों पर सुदर्शन की प्राथमिक शिक्षा पूरी हुई।
नागपुर के डॉक्टर हेडगेवार स्मृति मंदिर परिसर में उनके अंतिम दर्शन के लिए नेताओं की भीड़ लग गई। बीजीपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी से लेकर आरएसएस के चीफ मोहन भागवत, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नीतिन गडकरी, प्रभात झा और गुजरात के मुख्यमंत्री उनके अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचे।
देर शाम सुदर्शन के भाई कश्मीर रमेश ने गंगाबाई घाट पर उन्हें मुखाग्नि दी। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 16, 2012, 11:05