Last Updated: Monday, August 8, 2011, 08:31
तिरूवनंतपुरम : केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी को तगड़ा झटका देते हुए यहां की एक सतर्कता अदालत ने वर्ष 1992 के पामोलीन तेल आयात करार में उनकी भूमिका की जांच का आदेश दिया. चांडी राज्य की तत्कालीन के. करूणाकरण की सरकार में वित्त मंत्री थे. विशेष सतर्कता न्यायाधीश एस जगदीश ने यह आदेश पारित करते हुए अप्रैल में जांचकर्ताओं द्वारा दी गई उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि आरोपियों की सूची में किसी और व्यक्ति को शामिल करने के लिए और अधिक जांच की कोई जरूरत नहीं है.
न्यायाधीश ने सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को तीन महीने के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा. उधर, मुख्यमंत्री के प्रवक्ता ने कहा कि अदालत के आदेश का गहन अध्ययन करने के बाद चांडी कोई प्रतिक्रिया देंगे. गौरतलब है कि लंबे समय से लंबित भ्रष्टाचार के इस मामले में पीजे थॉमस को मुख्य सतर्कता आयुक्त का पद गंवाना पड़ा था. मलेशिया से आयात किए गए 32,000 टन पामोलीन से जुड़े मामले में थॉमस का नाम छठे आरोपी के रूप में शामिल है. इस करार से सरकार को 2. 32 करोड़ रुपया का चूना लगा था.
सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी के पद पर थॉमस की नियुक्ति रद्द कर दी थी. इस करार के वक्त थॉमस खाद्य सचिव थे और इसके बाद राज्य आपूर्ति निगम के निदेशक बने थे. कांग्रेस के दिवंगत नेता करूणाकरण इस मामले में पहले आरोपी थे. इस मामले ने इस साल मार्च में उस वक्त राजनीतिक रंग ले लिया जब विधानसभा चुनाव की पूर्वसंध्या पर पूर्व खाद्य मंत्री एवं कांग्रेस नेता टीएच मुस्तफा ने अपनी एक अपील में चांडी के नाम का जिक्र किया था.
First Published: Monday, August 8, 2011, 15:11