बिहार: कहीं बाढ़ तो कहीं सूखा - Zee News हिंदी

बिहार: कहीं बाढ़ तो कहीं सूखा



बिहार के दो भौगोलिक क्षेत्र- उत्तरी गंगा का मैदान और दक्षिणी भू-भाग, सलाना अलग-अलग प्राकृतिक मार झेलता है. एक बाढ़ की उफान में डूबता है तो दूसरा सूखे की चपेट में चौपट.

उत्तरी बिहार के ज्यादातर जिलों में हो रही लगातार बारिश के कारण राज्य की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है, जिस कारण राज्य के कई इलाकों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है. वहीं राज्य के दक्षिण क्षेत्र के 18 जिलों में किसानों को एक बार फिर सूखे की चिंता सताने लगी है.

राज्य बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक कोसी और गंडक नदी में जलस्तर में वृद्धि हो रही है. मौजूद अधिकारी ने बताया कि गंडक नदी पर बने बाल्मीकी बराज से सुबह 1,86,200 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जबकि कोसी नदी के वीरपुर बराज से इसी समय 1,35,930 क्यूसेक पानी छोड़ा गया.

औरंगाबद, नवादा, अरवल, गया, भोजपुर , कैमूर और मुंगेर जिले में बारिश की कमी के कारण किसान जहां उमड़ते-घुमड़ते बादलों की तरफ टकटकी लगाए हुए हैं तो वहीं महिलाएं अनोखी रस्में निभाकर इंद्र भगवान को खुश करने के लिए रात में हल चला रही हैं. इस बीच सरकार भी सूखे से निपटने के लिए आवश्यक तैयारियों में जुट गई है.

कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में अब तक मात्र 31 प्रतिशत ही धान की रोपनी हो पाई है, जबकि पिछले वर्ष इस समय तक 37 प्रतिशत से ज्यादा रोपनी हो गई थी. अकेले  मुंगेर में सामान्य से 82 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जिस कारण वहां 6.38 प्रतिशत ही धान की रोपनी हुई है.

कैमूर में सामान्य से 40 प्रतिशत कम, भोजपुर में 43 तो जमुई में सामान्य से 31 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है. राज्य के औरंगाबद, नवादा, अरवल, गया, भोजपुर में तो अभी तक धान की रोपनी शुरू होने तक की सूचना नहीं है.

उधर राज्य की करीब सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. गंगा नदी कहलगांव में खतरे के निशान को पार कर गई है. वहीं पुनपुन नदी किंजर और लालगंज में व बागमती नदी रूनीसैदपुर तथा बेनीबाद में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. इसी तरह कोसी नदी बलतारा, कुरसेला और बथुआ में जबकि गंडक लालगंज में खतरे के निशान को पार कर गई है.

 इधर, नदियों के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण भागलपुर, खगड़िया, पश्चिम चम्पारण एवं गोपालगंज जिले में गंगा, गंडक, कोसी एवं बागमती नदी के तटबंधों पर खतरा बढ़ गया है.

पिछले वर्ष राज्य के सभी 38 जिलों को, जबकि वर्ष 2009 में 26 जिलों को सरकार ने सूखाग्रस्त घोषित कर दिया था.

राज्य के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार सूखे से निपटने के लिए तैयार है. किसानों को अनुदान पर डीजल उपलब्ध कराया जाएगा. सरकार भी किसानों को नुकसान से बचाने के लिए खजाना खोलने को तैयार है.

First Published: Wednesday, August 10, 2011, 15:45

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