Last Updated: Thursday, April 26, 2012, 13:53
मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह विभिन्न राज्यों के लोकायुक्त अधिनियमों का तुलनात्मक अध्ययन कर रही है और अगर प्रावधानों को केंद्र के लोकपाल विधेयक में शामिल नहीं किया गया है तभी इसे लागू करने पर निर्णय करेगी।
मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने अन्ना हजारे के साथ एक घंटे की बैठक के बाद कहा कि मेरा मानना है कि लोकपाल विधेयक में लोकायुक्त पहलू को शामिल नहीं किया जाएगा। मैंने केंद्र को पत्र लिखा था कि लोकायुक्त का मॉडल कानून लागू किया जाए ताकि सभी राज्य मॉडल कानून के मुताबिक अपने अधिनियम को अपना सकें।
उन्होंने कहा कि केंद्र इस प्रस्ताव के पक्ष में है और लोकपाल विधेयक संसद के इसी सत्र में पारित होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि बहरहाल अगर मॉडल कानून नहीं बनता तो हम यहां मजबूत लोकायुक्त बनाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कर्नाटक और उत्तराखंड लोकायुक्त अधिनियमों और अन्ना हजारे के जन लोकायुक्त मसौदे का अध्ययन कर रही है। 75 वर्षीय गांधीवादी नेता के साथ मुलाकात के बारे में चव्हाण ने कहा कि यह सौहाद्रपूर्ण था। उन्होंने कहा कि अन्ना ने इस विधेयक का आज मुझे दूसरा मसौदा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के अपने अगले दौरे में वह केंद्रीय कानून मंत्री के साथ मुद्दे पर निर्णय करेंगे।
चव्हाण ने कहा कि अन्ना ने मजबूत लोकायुक्त अधिनियम लागू करने के लिए मुझसे आग्रह किया क्योंकि वर्तमान अधिनियम दंतविहीन है। उनके मुताबिक वर्तमान प्रावधान केवल अनुशंसात्मक है न कि बाध्य। हम उनसे सहमत हैं और मानते हैं कि मजबूत भ्रष्टाचार निरोधक कानून की जरूरत है। चव्हाण ने कहा कि वह हजारे के राज्य के 35 जिलों के एक मई से दौरे को जनजागरूकता अभियान मानते हैं और इसे सरकार के खिलाफ धरना नहीं मानते। मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारे द्वारा दिए गए दूसरे मसौदे पर भी गौर किया जाएगा।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, April 26, 2012, 19:23