Last Updated: Saturday, August 24, 2013, 13:45

भोपाल : मध्यप्रदेश में बाढ़ की स्थिति में हालांकि कुछ सुधार हुआ है और बारिश रुकने से नदियों में पानी उतरना शुरू हो चुका है, बावजूद इसके नर्मदा होशंगाबाद सहित अनेक स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बनी हुई है। पिछले 24 घंटों में आठ और लोगों की वर्षा जनित हादसों में मृत्यु के साथ ही मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ को लेकर आज सुबह अपने निवास पर अधिकारियों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि जबलपुर के बरगी बांध से जहां पूर्व में दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, वहीं अब 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जबकि तवा बांध से पांच लाख के स्थान पर 45 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसके चलते जहां होशंगाबाद में नर्मदा का जल स्तर कल रात 984 फुट तक पहुंच गया था, वहीं आज सुबह यह 979 फुट रह गया, लेकिन अभी भी नर्मदा वहां खतरे के निशान से 16 फुट उपर बह रही है। हालांकि आज शाम तक इसके जल स्तर में पांच फुट की कमी और आने की संभावना है। खरगौन के मोरटक्का पुल पर भी पानी का जल स्तर एक मीटर कम हुआ है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में सीहोर, होशंगाबाद, खरगौन, हरदा एवं बैतूल जिलों के 106 गांव बुरी तरह बाढ़ से घिरे हुए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले तीन दिनों में कल तक प्रदेश में वष्रा जनित हादसों में मरने वालों की संख्या 17 थी तथा कल से आज तक आठ और व्यक्तियों की मृत्यु के साथ ही इन हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है। इस मानसून में अब तक वष्रा जनित हादसों में मरने वालों की संख्या 134 हो गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि अभी भी प्रदेश में 13 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं जिनमें देवास, सीहोर, होशंगाबाद, खरगौन, हरदा, बैतूल, रायसेन, जबलपुर, सागर, बडवानी, खंडवा अलीराजपुर एवं धार शामिल हैं। बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान के आंकलन का काम पानी उतरने के बाद शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद बीमारियां फैलने की आशंका को देखते हुए अभी से आवश्यक तैयारियां करने एवं सावधानियां बरतने के निर्देश दे दिये गये हैं। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 24, 2013, 13:45