Last Updated: Thursday, June 27, 2013, 21:28
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नारायणगढ़ (पश्चिम बंगाल) : पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर कानूनी विवाद के उच्चतम न्यायालय पहुंचने के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थानीय चुनाव में केन्द्रीय बलों की तैनाती की मांग करने के लिए राज्य चुनाव आयोग और केन्द्रीय बलों पर प्रहार किया।
ममता ने पश्चिमी मिदनापुर जिले की एक चुनाव सभा में सवाल किया कि 2001, 2003 और 2009 में इतने पंचायत चुनाव हुए हैं। इनमें कब केन्द्रीय बलों की तैनाती की गई। उन्होंने कहा कि यह कोई आम चुनाव नहीं है। अचानक यह बात उनके दिमाग में आ गई। बंगाल में शांति है और इसे पसंद नहीं किया जा रहा। राज्य चुनाव आयुक्त मीरा पांडेय का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री ने कहा कि तत्कालीन वाम मोर्चा शासन में उनके कार्यकाल का विस्तार किया गया था।
उन्होंने कहा कि चुनाव में मतदान शांतिपूर्ण होगा क्योंकि राज्य में निष्पक्ष प्रशासन है जो पूर्ववर्ती वाम मोर्चा शासन के ठीक विपरीत है। ममता ने कहा कि पंचायत चुनाव करवाए जाएंगे तथा ग्रामीण लोगों के अधिकार लिए नहीं जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि चुनाव नहीं करवाए गए तो विकास कार्य बाधित होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि माकपा एवं विपक्ष हार के डर से उसमें रूचि नहीं ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे आतंकवाद के बारे में चीख रहे हैं। यह आधारहीन आरोप है। अभी तक प्रचार के दौरान एक भी अप्रिय घटना नहीं हुई है जबकि माकपा के शासन में लोगों को वोट तक नहीं डालने दिया जाता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्वाचित निकायों के नहीं होने से गांवों में विकास कार्यों के प्रभावित होने के लिए माकपा को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि दो जुलाई को निर्धारित चुनावों में 1.79 लाख नामांकन पत्र दाखिल किए जा चुके हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 27, 2013, 21:28