Last Updated: Friday, July 29, 2011, 09:04
वर्ष 1990 से पहले जब जम्मू-कश्मीर आतंकवाद की आग में झुलस रहा था तब यहां से हजारों-लाखों की संख्या में कश्मीरी पंडित पलायन कर गए थे, लेकिन 1990 के बाद जब आतंकी गतिविधियां कमजोर पड़ीं तो हजारों-लाखों परिवारों में से कुछ हजार लोगों ने फिर अपनी जमीं पर वापसी की और इन्हीं में से एक परिवार है वूसान गांव में आशा का परिवार.