Last Updated: Tuesday, July 23, 2013, 13:06
लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई ने मंगलवार को आरोप लगाते हुए कहा कि आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव को बचाने के लिए सपा और कांग्रेस में मानसून सत्र से पहले बड़ी डील हुई है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि याचिकाकर्ता खुद चिल्ला-चिल्लाकर कह रहा है कि केंद्र सरकार मुलायम और अखिलेश को बचा रही है। याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार खाद्य सुरक्षा विधेयक पर सपा का समर्थन हासिल करने के लिए जानबूझकर सपा प्रमुख मुलायम सिंह को बचा रही है।
पाठक ने आगे कहा कि सपा और कांग्रेस के लोग ही सूबे में राजनीतिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं। सपा सरकार मजहबी आरक्षण, उप्र लोकसेवा आयोग के आरक्षण नियमों में बदलाव जैसे कदम उठाकर समाज को विघटित करने का प्रयास कर रही है। सपा के कद्दावर मंत्री आजम खान पर निशाना साधते हुए पाठक ने कहा कि अपने बयानों के लिए विख्यात आजम उप्र लोकसेवा आयोग में अल्पसंख्यकों के कम संख्या में चयन पर अफसोस क्यों जता रहे हैं। पिछले एक दशक से सूबे में अल्पसंख्यकों की रहनुमाई वाली सरकारें ही राज कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि सपा से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सूबे में शासन किया और उसने भी मुसलमानों का वोट हासिल करने के लिए बड़े-बड़े दावे किए लेकिन मुसलमानों का उद्धार नहीं हो पाया। बसपा से पहले मुलायम सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने भी मुसलमानों के लिए कुछ नही किया फिर आजम खान उप्र लोक सेवा आयोग में अल्पसंख्यकों के कम संख्या में चयनित होने पर अफसोस क्यों जता रहे हैं। पाठक ने कहा कि महज राजनीतिक नफे नुकसान को ध्यान में रखकर सपा सरकार की ओर से घोषणाएं की जाती हैं लेकिन जब उन घोषणाओं पर अमल करने की बारी आती है तो राज्य सरकार हाथ खड़े कर देती है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 23, 2013, 13:06