Last Updated: Friday, May 11, 2012, 15:25

लखनऊ : विधानसभा चुनाव से पहले युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने वाली उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार ने शुक्रवार को उप्र बेरोजगारी भत्ता योजना-2012 को लागू करने का फैसला लिया।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसे लागू करने का निर्णय लिया गया। योजना से प्रदेश के लगभग नौ लाख बेरोजगार युवा लाभान्वित होंगे और इससे चालू वित्त वर्ष में राज्य सरकार पर लगभग 1113 करोड़ रुपये का व्यय भार आएगा। प्रत्येक बेरोजगार व्यक्ति को प्रतिमाह एक हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। बेरोजगारी भत्ते का भुगतान त्रैमासिक किस्तों में किया जाएगा।
मंत्रिपरिषद ने योजना को लागू करने के लिए नियम एवं शर्तो को भी मंजूरी प्रदान की है। इनके अनुसार योजना का लाभ 30 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे व्यक्तियों को मिलेगा जो हाईस्कूल या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण हों और किसी भी रोजगार, जिसमें सरकारी, अर्धसरकारी व निजी क्षेत्र की नौकरी एवं स्वरोजगार से जुड़े न हों। प्रदेश के किसी भी सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत ऐसे बेरोजगारों को 40 वर्ष की उम्र पूर्ण करने तक भत्ता मिलेगा। योजना का लाभ उन्हीं बेरोजगार व्यक्तियों को मिलेगा जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं तथा वर्तमान में राज्य में निवास कर रहे हैं।
कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार बेरोजगार व्यक्ति के परिवार की समस्त स्रोतों से आय 36 हजार रुपये वार्षिक से कम हो तथा उसके माता-पिता या सास-ससुर (जैसी भी स्थिति हो) की समस्त स्रोतों से आय एक लाख 50 हजार रुपये वार्षिक या इससे कम हो। किसी वित्तवर्ष में 15 मार्च तक किसी सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत होने युवा को बेरोजगारी भत्ता अगले वित्तवर्ष में आवेदन जमा करने के एक माह बाद मिलेगा।
बेरोजगार व्यक्ति को रोजगार प्राप्त होने पर बेरोजगारी भत्ते का भुगतान रोक दिया जाएगा। यह सूचित करने का दायित्व बेरोजगार व्यक्ति का ही होगा कि उसे अमुक माह से रोजगार मिल गया है। गलत शपथपत्र एवं गलत विवरण देने की स्थिति में सम्बंधित व्यक्ति का बेरोजगारी भत्ता रोक दिया जाएगा तथा उसके विरुद्ध समुचित कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
कैबेनट ने यह भी फैसला किया है कि बेरोजगारी भत्ता पाने वाले व्यक्तियों से सरकार या जिला प्रशासन द्वारा उनके निवास स्थान के विकास खंड या नगर क्षेत्र की स्थिति में सम्बंधित नगरीय क्षेत्र की सीमाओं में उनका रोजगारपरक कौशल बढ़ाने के लिए उनसे समय-समय पर कार्य लिया जा सकता है। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, यदि बेरोजगारी भत्ता पाने वाला व्यक्ति बुलाए जाने पर कार्य करने के लिए उपस्थित नहीं होता है तो उसका बेरोजगारी भत्ता रोका जा सकता है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, May 11, 2012, 20:55