Last Updated: Wednesday, August 22, 2012, 14:20

लखनऊ: बैंकिंग संशोधन विधेयक और निजीकरण सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर देश के अन्य हिस्सों की तरह उत्तर प्रदेश में भी बैंक कर्मचारियों के दो दिन की हड़ताल पर जाने से बुधवार को बैंकिंग सेवाएं ठप पड़ गईं। राजधानी लखनऊ में बैंकों में सुबह से ताले लटके हैं। हड़ताल से ग्राहक सेवा, चेकों के समाशोधन, बैंक लॉकर से सम्बंधित कार्य, पूंजी बाजारों और बैंक द्वारा चलाए जाने वाली सभी गतिविधियों पर असर पड़ा है। नकदी निकालने के लिए लोगों को एटीएम पर निर्भर होना पड़ रहा है।
बैंकों की अलग-अलग यूनियनों के पदाधिकारी हजरतगंज स्थित इलाहाबाद की मुख्य शाखा पर एकत्र हुए और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। हड़ताल में राज्य के विभिन्न बैंकों की करीब 10 हजार शाखाओं के तकरीबन डेढ़ लाख बैंककर्मी शामिल हैं।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के सदस्य वाई.के.अरोड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि निजीकरण, आउटसोर्सिग, अनुकम्पा नियुक्ति, और बैंकिंग संशोधन विधेयक के खिलाफ बैंककर्मी हड़ताल कर रहे हैं।
अरोड़ा ने कहा कि हमारी केंद्र सरकार को चेतावनी है कि अगर बैंकिंग संशोधन विधेयक को संसद में रखा तो हमारा आंदोलन और तेज होगा।
इस हड़ताल से आम आदमी को नगदी को लेकर ज्यादा परेशानी न हो इसके लिए बैंकों की तरफ से एटीएम मशीनों में पर्याप्त धन जमा करा दिया गया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 22, 2012, 14:20