Last Updated: Monday, July 22, 2013, 16:41
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में हाल ही में पेश विवादास्पद आरक्षण नीति पर अपना आदेश सुरक्षित रखा। इस नीति के तहत प्रारंभिक स्तर पर ही जाति आधारित आरक्षण का प्रावधान किया गया है जिसके कारण शहर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे।
अदालत ने राज्य लोक सेवा आयोग से कहा है कि इस समय लोक सेवा परीक्षा के लिए चल रही साक्षात्कार की प्रक्रिया अगले 10 दिनों तक नहीं स्थगित रखे। न्यायमूर्ति लक्ष्मीकांत महापात्र और न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव ने इस आरक्षण नीति के खिलाफ इस समय प्रतियोगिता परीक्षा में हिस्सा लेने वाले सैकड़ों छात्रों ने याचिकायें दायर करके चुनौती दी थी।
न्यायाधीशों ने इन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करते हुए कहा कि इस पर निर्णय बाद में सुनाया जाएगा। न्यायालय के इस आदेश के परिणामस्वरूप अब 26 जुलाई से शुरू होने वाले साक्षात्कार कार्यक्रम में बदलाव किया जाएगा और इस दौरान उम्मीद है कि न्यायालय का निर्णय आ जाएगा। की ओर से वरिष्ठ वकील केशरीनाथ त्रिपाठी और रवि किरण जैन ने अदालत को बताया कि नयी आरक्षण नीति ‘अवैध’ और असंवैधानिक है और इसका मकसद राज्य के सत्तारूढ पार्टी के करीब माने जाने वाले एक जातीय समूह को फायदा पहुंचाना है। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 22, 2013, 16:41