राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सपा ने भाजपा और संप्रग को घेरा

राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सपा ने भाजपा और संप्रग को घेरा

राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सपा ने भाजपा और संप्रग को घेराआगरा : उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी ने जहां एक ओर केन्द्र में सत्तारुढ कांग्रेसनीत संप्रग सरकार पर गलत नीतियां अपनाकर देश की अर्थव्यवस्था को रसातल में पहुंचाने का दोष मढ़ा है वहीं भाजपा पर राजनीतिक फायदे के लिए साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाया है।

पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा आज यहां शुरु हुई सपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रस्तुत राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव के अनुसार, ‘देश आज एक गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है और केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण पिछले तीन वर्षों में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।’ कार्यकारिणी में विचार के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव में कहा गया है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर वर्ष 2010 में 7.2 प्रतिशत थी, जो अब घटकर लगभग चार प्रतिशत पर उतर आयी है।

प्रस्ताव के अनुसार, राजकोषीय घाटा बढकर 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है और यदि फौरी तौर पर स्थिति नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो यह भी हो सकता है कि सरकार को अपने कर्मचारियों के वेतन भुगतान में भी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। यह भी कहा गया है कि हालात पर नियंत्रण के लिए आयात घटाने और निर्यात बढाये जाने की जरुरत है। मगर केन्द्र सरकार की नीतियों के कारण इसका उल्टा हो रहा है और चालू खाते का घाटा बढता जा रहा है।

सपा के आर्थिक प्रस्ताव में कहा गया है कि देश में अगले सौ साल की जरूरत पूरा करने के लिए कोयले का भंडार मौजूद है। मगर आर्थिक कुप्रबंधन के कारण हजारों करोड़ रुपये का कोयला आयात किया गया है। देश में कृषि विकास दर दो प्रतिशत से भी नीचे है और केन्द्र सरकार की नीतियां कदम दर कदम आम आदमी के हितों पर कुठाराघात करती दिखती है।

आर्थिक प्रस्ताव में केन्द्रीय योजना आयेाग के इस आंकलन का उपहास उड़ाया गया है और आम जनता के साथ मजाक बताया गया है कि शहर में प्रति दिन 32 रुपये और गांव में 27 रुपये खर्च करने की क्षमता रखने वाला गरीब नहीं है। इस प्रस्ताव में संप्रग सरकार के शासनकाल में प्रकाश में आये घोटालों का उल्लेख करते हुए भ्रष्टाचार के चरम पर पहुंच जाने का आरोप लगाया गया है और कहा गया है कि सरकारी खजाने पर लाखों करोड़ रुपये की चोट तो पहुंची है। इन घोटालों से देश की छवि भी खराब हुई है।

छोटे राज्यों के गठन पर प्रस्ताव में कहा गया है कि सपा हमेशा से इसके विरुद्ध रही है, क्योंकि छोटे राज्यों का गठन विकास की गारंटी नहीं है। पार्टी कार्यकारिणी में विचारार्थ प्रस्तुत प्रस्ताव में भाजपा पर चुनावी लाभ के लिए साम्प्रादायिक उन्माद पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि विहिप को आगे करके भाजपा संघ और बजरंग दल ने पिछले दिनों परम्परा से हटकर चौरासी कोसी अयोध्या परिक्रमा के आयोजन की आड में साम्प्रदायिक उन्माद पैदा करने की कोशिश की।

कार्यकारिणी की तरफ से चौरासी कोसी परिक्रमा की आड़ में विहिप आदि के तरफ से साम्प्रदायिक उन्माद पैदा करने की साजिश को नाकाम करने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बधाई देने के साथ ही पार्टी ने मुजफ्फरनगर दंगों के लिए भाजपा नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। दोनों प्रस्तावों में देश और समाज की सभी समस्यांे के लिए कांग्रेस और भाजपा को जिम्मेदार ठहराया गया है, जबकि वर्ष 2007 से 2012 तक उत्तर प्रदेश की सत्ता में रही बहुजन समाज पार्टी पर राज्य को लूट लेने का आरोप लगाया गया है।

पार्टी का राजनीतिक प्रस्ताव यह दावा करता है कि मौजूदा राजनीतिक हालात में जनता कांग्रेस और भाजपा को कोई भाव नहीं देने वाली है और सत्ता की कुंजी गैर भाजपा और गैर कांग्रेस दलों के हाथ आने वाली है। यह भी कहा गया है कि प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें है और समाजवादी पार्टी 2012 में इसे बहुमत देने वाले जनाधार के बल पर आगामी चुनाव में 60 से अधिक सीटें जीत सकती है तथा ऐसा होने पर केन्द्र में अगली सरकार के गठन की कुंजी सपा के हाथ आ जाएगी। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, September 11, 2013, 19:02

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