Last Updated: Tuesday, October 1, 2013, 16:04
फुलबनी (ओड़िशा) : विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेता लक्ष्मणानंद सरस्वती और चार अन्य की पांच साल पहले हुई हत्या के मामले में कंधमाल जिले की एक अदालत ने आज एक माओवादी नेता को दोषी करार दिया। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार तोष ने आंध्र प्रदेश के माओवादी नेता पुलारी रामा राव उर्फ उदय को कंधमाल जिले के एक आश्रम में 23 अगस्त 2008 को जन्माष्टमी उत्सव के दौरान सरस्वती और उनके चार शिष्यों की हत्या का दोषी ठहराया। अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में सोमनाथ दंडसेना को बरी कर दिया। अदालत ने एक दिन पहले ही इस मामले में सात व्यक्तियों को दोषी ठहराया था। अदालत आठों दोषियों की सजा के बारे में तीन अक्तूबर को फैसला सुनायेगी।
कल जिन सात लोगों को दोषी ठहराया गया उनमें गदानाथ चालनसेठ, विजय कुमार श्यामसेठ, बुद्ध नायक, सनातन बड़ामाझी, दुर्यधन सुनामाझी, भास्कर सुनामाझी एवं मुंडा बड़ामाझी शामिल हैं।
इन लोगों को हत्या एवं आपराधिक षडयंत्र के साथ साथ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है। इनमें घातक हथियारों के साथ दंगा और गैर कानूनी ढंग से एकत्र होना शामिल है। उन्हें हथियार कानून की विभिन्न धाराओं के तहत भी ठोषी ठहराया गया है। मामले के 13 आरोपियों में से नौ को गिरफ्तार किया गया था जबकि चार अभी तक फरार है। इस हत्या के बाद कंधमाल जिले में बड़े पैमाने पर फैली सांप्रदायिक हिंसा में 37 लोग मारे गये और बड़ी संख्या में मकानों एवं पूजा स्थलों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 1, 2013, 16:04