Last Updated: Monday, August 13, 2012, 12:59
नागपुर: बंबई उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि ठेकेदारों, अधिकारियों और नेताओं के गठजोड़ के कारण महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में सिंचाई के लिए निर्धारित 26 हजार करोड़ रुपये का चूना लगा है।
महाराष्ट्र सरकार और विदर्भ सिंचाई विकास निगम को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के अंदर जवाब मांगा गया है।
कार्यकर्ता मोहन कारीमोर, अमित खोट और शहर के वकील भारती दिवाकर ने याचिका दायर की है और घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और सिंचाई परियोजनाओं को तुरंत पूरा करने की भी अपील की है ।
याचिका में घोटाले से संबंधित अखबार की खबरों का जिक्र है । साथ ही अचानक मूल्यों में बढ़ोतरी, संशोधित प्रशासनिक मंजूरी मिलने में अनियमितताएं और योजना एवं कार्यान्वयन के मापदंडों को तोड़ने-मरोड़ने की बातें भी शामिल हैं ।
इसमें आरोप लगाया गया है कि वर्ष 2009 में सात महीने के अंदर वीआईडीसी द्वारा कार्यान्वित 38 सिंचाई परियोजनाओं की कीमतों में अचानक 20050-06 करोड़ की वृद्धि कर इसे 6672-27 करोड़ पहुंचा दिया गया ।
याचिका में कहा गया है कि इससे इलाके के किसानों को ही नुकसान उठाना पड़ रहा है । इसमें कहा गया है कि विदर्भ इलाके में पहले की सिंचाई परियोजनाओं को केवल कागजों पर ही पूरा किया गया है । (एजेंसी)
First Published: Monday, August 13, 2012, 12:59