Last Updated: Monday, June 17, 2013, 15:33

तिरूवनंतपुरम : केरल में विपक्षी दल वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने सौर पैनल घोटाले के मुद्दे पर सोमवार को मुख्यमंत्री ओमन चांडी से इस्तीफा देने और मामले की न्यायिक जांच करने की मांग तेज करते हुए राज्य विधानसभा में खूब हंगामा किया।
चांडी ने विपक्ष की मांग ठुकराते हुए कहा कि सरकार के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ अपने आंदोलन में विफल रहने के बाद विपक्ष उन पर झूठे आरोप लगा रहा है।
एलडीएफ नेताओं ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही यह मामला उठाया और प्रश्नकाल बाधित कर दिया। उन्होंने शून्य काल में दोबारा इस मामले को उठाया और वे नारेबाजी करते हुए सदन के बीचों बीच आ गए जिसके कारण अध्यक्ष जी कार्तिकेयन को सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर भी विपक्ष ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा और अध्यक्ष ने एजेंडे में कार्यों को शीघ्रता से निपटाते हुए सदन की कार्रवाई दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
चांडी ने अपने उपर लगे आरोपों पर विस्तृत बयान देते हुए कहा कि विपक्ष के इन आरोपों में कोई सचाई नहीं है कि सौर पैनल घोटाला मामले के आरोपियों सरिता नायर और बीजू राधाकृष्णन के साथ उनके प्रत्यक्ष संबंध हैं।
चांडी ने हालांकि यह स्वीकार किया कि उनके कार्यालय में लोगों की ‘स्वतंत्र और बिना किसी शर्त के पहुंच’ का दुरपयोग किया गया। उन्होंने बताया कि उनके निजी स्टाफ के दो सदस्यों को हटा दिया गया है और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दक्षिण क्षेत्र) के नेतृत्व में पुलिस का विशेष दल मामले की जांच कर रहा है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस घोटाले में शामिल हर व्यक्ति को सजा दी जाएगी।
चांडी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सरिता और बीजू की कंपनी ने पूर्ववर्ती एलडीएफ सरकार के दौरान फर्जी सौदे करने शुरू किए थे। उन्होंने पूछा कि उसी समय उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
इस बीच विपक्ष के नेता वी एस अच्युतानंदन ने कहा,‘मुख्यमंत्री अपनी कमजोर सफाई देकर लोगों को धोखा देने और सदन को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।’ (एजेंसी)
First Published: Monday, June 17, 2013, 15:33