Last Updated: Monday, June 25, 2012, 20:20

नई दिल्ली: केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री व हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को मनगढ़त करार देते हुए इसे राज्य की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का षड्यंत्र बताया है। सिंह ने सोमवार को यहां पत्रकारों से चर्चा में प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह उनके खिलाफ राज्य पुलिस का दुरुपयोग कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मेरे खिलाफ पुलिस का दुरुपयोग कर रही है। यह पूरी तरह से एक मनगढ़ंत मामला है और मनगढ़ंत सबूतों पर आधरित है। उन्होंने कहा, "सीडी की प्रामाणिकता पर सवाल है। मैं अपनी पार्टी को और अपने प्रधानमंत्री को संकट में नहीं डालना चाहता। जब भी समय आएगा, मैं अपना फैसला लूंगा।"
कांग्रेस प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी से जब यह पूछा गया कि क्या वीरभद्र सिंह से इस्तीफा मांगा जाएगा, उन्होंने कहा कि पार्टी आरोपों को देखने के बाद फैसला लेगी।
उन्होंने कहा, "हर चीज की एक प्रक्रिया होती है। हम देखेंगे कि उनपर आरोप आखिर है क्या। उसके बाद जो भी विचार बनेगा, हम उसकी जानकारी आप तक पहुंचा देंगे। वह चूंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल में हैं, इसलिए कोई भी फैसला प्रधनमंत्री मनमोहन सिंह लेंगे।"
उल्लेखनीय है कि शिमला की एक अदालत ने सिंह तथा उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के खिलाफ सोमवार को भ्रष्टाचार के आरोप तय किए। अभियोजन पक्ष ने दम्पत्ति के खिलाफ अक्टूबर 2010 में आरोप पत्र दाखिल किया था।
पुलिस के अनुसार सिंह के राजनीतिक सलाहकार विजय सिंह मनकोटिया द्वारा 2007 में जारी ऑडियो कैसेट के आधार पर दम्पत्ति पर तीन अगस्त 2009 को मामला दर्ज किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री पर 1989 में अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करने और आपराधिक कदाचार के आरोप हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 25, 2012, 20:20