Last Updated: Thursday, July 12, 2012, 18:36
मेरठ: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर ऐसी घटना का खुलासा हुआ है, जिसने सूबे की स्वास्थ्य सेवाओं की निराशाजनक स्थिति को उजागर कर दिया है। यहां सरकारी अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को कैमरे ने पोस्टमार्टम करते कैद किया। हालांकि, अधिकारियों ने इस घटना से साफ तौर पर इंकार किया है।
मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक, बुधवार को मेडिकल कालेज अस्पताल परिसर में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों द्वारा कथित रूप से खुले में पोस्टमार्टम किया गया। हालांकि, अस्पताल और चिकित्सकों ने इस तरह की खबरों से साफ तौर से इंकार करते हुए कहा कि कर्मचारियों द्वारा पोस्टमार्टम नहीं किया जा रहा था, बल्कि बुरी तरह से सड़े गले शव की सफाई की जा रही थी। चिकित्सकों के अनुसार, परिजनों या अन्य लोगों के समक्ष पोस्टमार्टम किये जाने की खबर पूरी तरह भ्रामक और गलत है।
मुख्य चिकित्साधिकारी सुबोध कुमार बाजपेयी ने इस मामले में कहा कि पुराने सड़े गले शव का पोस्टमार्टम दिन की रोशनी में ही किया जाता है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम परिजनों के सामने नहीं किया जाता है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल प्रथम दृष्टया इस मामले में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार पोस्टमार्टम के समय चिकित्सक मौके पर मौजूद थे। इस मामले में परिजनों की तरफ से उनके समक्ष मौखिक अथवा लिखित रुप में कोई शिकायत भी नहीं की गयी है, लेकिन वह सच्चाई सामने लाने के लिए मामले की जांच करायेंगे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 12, 2012, 18:36