समिति ने गौतम बुद्ध नगर में व्यापक रेत खनन पाया

समिति ने गौतम बुद्ध नगर में व्यापक रेत खनन पाया

समिति ने गौतम बुद्ध नगर में व्यापक रेत खनन पाया नई दिल्ली : आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल की ओर से खनन माफिया पर लगाम लगाने से जुड़े घटनाक्रम के बीच एक केंद्रीय समिति ने कहा है कि उत्तरप्रदेश में गौतम बुद्ध नगर में यमुना नदी के इर्दगिर्द विभिन्न स्थानों पर व्यापक, अवैज्ञानिक एवं अवैध खनन जारी है।

खनन माफिया पर लगाम लगाने के मद्देनजर 2010 बैच की आईएएस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था जिसका राष्ट्रव्यापी विरोध देखने को मिला।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से गठित तीन सदस्यीय समिति ने कहा कि उसे गौतम बुद्ध नगर में अवैध रेत खनन के साक्ष्य मिले हैं।

पर्यावरण मंत्री जयंति नटराजन को शनिवार को सौंपे समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि, ‘समिति के आकलन, वर्तमान कानूनी ढांचा और दुर्लभ खनिज के खनन पर अनेक अदालतों के निर्देश के आलोक में यह स्पष्ट है कि गौतम बुद्ध नगर में यमुना नदी के इर्द-गिर्द कई स्थानों पर व्यापक, अवैज्ञानिक एवं अवैध खनन जारी है।’

रिपोर्ट के अनुसार, ‘यह पर्यावरण नियमन, खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) अधिनियम 1957 तथा उच्चतम न्यायालय, इलाहाबाद उच्च न्यायालय तथा एनजीटी नयी दिल्ली के निर्देशों का उल्लंघन है।’

इस रिपोर्ट के माध्यम से क्षेत्र में पारिस्थितिकी उल्लंघन से जुड़ी घटनाओं और अवैध खनन के कारण पड़ने वाले कुप्रभावों का सचित्र साक्ष्य भी प्रदान किये गए हैं। पर्यावरण मंत्रालय में निदेशक सरोज की अध्यक्षता में गठित समिति से उत्तरप्रदेश के जिले में कथित अवैध रेत खनन का पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों का आकलन करने को कहा गया था।

इस समिति में आईबीएम देहरादून के खान कार्यालय में सहायक कलेक्टर जी सी मीणा और लखनऊ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में निदेशक के के गर्ग सदस्य थे और समिति को इस सप्ताह रिपोर्ट देने को कहा गया था। (एजेंसी)

First Published: Saturday, August 10, 2013, 18:47

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