सिख विरोधी दंगा: सज्जन अर्जी खारिज

सिख विरोधी दंगा: सज्जन अर्जी खारिज


नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने सज्जन कुमार के उस अनुरोध को शनिवार को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों की एक पीड़ित द्वारा न्यायिक आयोगों के समक्ष दिए गए बयानों का इस्तेमाल अपने बचाव में करने की अनुमति मांगी थी। सज्ज्न कुमार का तर्क था कि इस महिला द्वारा न्यायिक आयोगों के समक्ष दिये गये बयान अदालत में दिए गए बयान का कथित रूप से विरोधाभासी है।

जिला न्यायाधीश जे आर आर्यन ने कहा कि न्यायिक आयोगों के समक्ष दिए गए गवाह के बयान का किसी अन्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा कि जांच आयोग कानून की धारा छह के तहत सुनवाई के दौरान पूर्व में दिए गए बयानों का इस्तेमाल जिरह या गवाह की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए नहीं किया जा सकता।

कांग्रेस नेता चाहते थे कि न्यायिक आयोग के समक्ष शिकायतकर्ता और प्रमुख गवाह जगदीश कौर द्वारा दिए गए बयानों और पहले दिये गए हलफनामों का इस्तेमाल अदालत में इस समय चल रही सुनवाई में करने की अनुमति उन्हें दी जाए। जारी बाहरी दिल्ली के पूर्व सांसद सज्जन कुमार ने अपने आवेदन में कहा था कि न्यायिक आयोगों के समक्ष कौर के हलफनामे और बयानों को सीबीआई ही रिकार्ड पर लाई थी लेकिन अब उसका कहना है कि वह इसे आधार नहीं बना रही है।

उनका कहना था कि सीबीआई के वकील आर एस चीमा ने 12 जुलाई 2010 को अदालत के समक्ष कहा था कि जी टी नानावती आयोग और रंगनाथ मिश्र आयोग के समक्ष शिकायतकर्ता और प्रमुख गवाह जगदीश कौर द्वारा दिए गए बयानों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योंकि वे विरोधाभासी हैं।

सीबीआई ने कहा था कि जांच आयोग कानून के प्रावधानों के अनुसार किसी गवाह द्वारा किसी आयोग के समक्ष दिए गए बयान और हलफनामों का इस्तेमाल उसकी गवाही पर सवाल उठाने के लिए उसी के खिलाफ नहीं किया जा सकता। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर 1984 को हुयी हत्या के बाद भड़की हिंसा में दिल्ली कैंट इलाके में छह लोगों की हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में सज्जन कुमार, बलवान खोक्कर, किशन खोक्कर, महेंद्र यादव, गिरधारी लाल और कैप्टन भागमल पर मुकदमा चल रहा है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, June 2, 2012, 20:16

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