सिख विरोधी दंगों में पुलिस की चुप्पी गंभीर चूक : कोर्ट

सिख विरोधी दंगों में पुलिस की चुप्पी गंभीर चूक : कोर्ट

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे के दौरान दिल्ली पुलिस की चुप्पी एक ‘गंभीर चूक’ थी और ऐसा लगता है कि उसे दंगे की घटनाओं की ‘जानकारी’ थी। जिला और सत्र न्यायाधीश जेआर आर्यन ने कहा कि न्यायाधीश जीटी नानावती आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक दंगे के दौरान दिल्ली छावनी इलाके में 341 लोग मारे गए थे। इससे जुड़े मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषमुक्त किया गया है।

अदालत ने कहा कि लेकिन पालम कॉलोनी पुलिस स्टेशन के रिकार्ड के मुताबिक ‘पुलिस ने हत्या का एक भी मामला दर्ज नहीं किया था।’ अदालत ने अपने फैसले में कहा, ‘इस मामले में उपलब्ध साक्ष्यों और सामग्रियों के तथ्य और परिस्थितियां भी बताती हैं कि कानून की निगरानी और लागू करने वाले तंत्र दिल्ली पुलिस ने एक और दो नवंबर 1984 के दो दिनों में पूरी चुप्पी साधे रखी।’

उन्होंने कहा, ‘न्यायमूर्ति नानावती आयोग की रिपोर्ट में उपलब्ध तथ्यों के आधार पर अदालत न्यायिक नोटिस जारी कर सकती है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली छावनी इलाके के पुलिस स्टेशन में 341 लोगों की हत्या कर दी गई। इसके अलावा राजनगर और पालम कालोनी इलाके में पांच लोगों की हत्या से संबंधित मामले, दिल्ली कैंट पुलिस स्टेशन का हिस्सा हैं।’ (एजेंसी)

First Published: Wednesday, May 1, 2013, 21:53

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