Last Updated: Sunday, August 28, 2011, 08:48
लखनऊ.उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है. नदियों के जलस्तर में कमी जरूर आयी है मगर जल जमाव वाले क्षेत्रों में लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. पिछले 24 घंटों के दौरान बाढ़ संबंधी दुर्घटनाओं में विभिन्न जिलों में 10 लोगों की मौत हो गई. बाढ़ से 22 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
राज्य के घाघरा, शारदा, रामगंगा, राप्ती, सरयू, गंगा व यमुना सहित अन्य कई छोटी नदियों के जल स्तर में उफान जारी है. सीतापुर, बहराइच, गोंडा, बाराबंकी, फैजाबाद, लखीमपुर खीरी, मुरादाबाद, फरुखाबाद व पीलीभीत सहित 27 जिले बाढ़ से ज्यादा प्रभावित हैं.
पिछले दो दिनों में बाढ़ के पानी में डूबने से सीतापुर में चार, उन्नाव में दो, हरदोई में दो और फरुखाबाद व गोंडा जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत गई. राज्य के आपदा राहत आयुक्त केके सिन्हा के मुताबिक बाढ़ से 84 तहसीलें प्रभावित हुई हैं. इन तहसीलों के दो हजार से अधिक गांवों की 23 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है.
राहत आयुक्त ने बताया कि प्रभावित इलाकों में लोगों को राहत मुहैया कराई जा रही है. अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. सरकारी आंकड़ों से अब तक बाढ़, अतिवृष्टि और बिजली गिरने से 115 लोगों की मौत हो चुकी है. भारी बारिश के चलते आई बाढ़ के कारण उत्तर प्रदेश की 3.49 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई .
First Published: Sunday, August 28, 2011, 14:19