Last Updated: Sunday, March 11, 2012, 12:10
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की 16वीं विधानसभा चुनाव में पराजय का सामना करने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सूबे में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव सहित निर्वाचन आयोग और केन्द्रीय बलों की देख-रेख में नहीं होने वाला कोई भी चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने विधानसभा चुनाव में हार के कारणों तथा कुछ अन्य विषयों की समीक्षा के लिये रविवार को राजधानी में आयोजित पार्टी के अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि प्रदेश में सपा की सरकार के लौटते ही गुण्डाराज की भी वापसी हो गयी है।
प्रदेश की निवर्तमान मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके मद्देनजर बसपा को कुछ सख्त फैसले लेने पड़े हैं। चूंकि स्थानीय निकाय चुनाव केन्द्रीय बलों की निगरानी में नहीं होते हैं इसलिये अपने कार्यकर्ताओं की जान-माल की रक्षा के लिये बसपा सूबे में निकट भविष्य में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव नहीं लड़ेगी।
मायावती ने कहा कि अगर कोई पार्टी कार्यकर्ता या पदाधिकारी स्थानीय निकाय चुनाव लड़ता है तो उसे तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि चुनाव नतीजों की घोषणा के फौरन बाद शुरू हुई गुण्डागर्दी बसपा के लिये ज्यादा चिंताजनक है क्योंकि इसका निशाना जानबूझकर इसी पार्टी के कार्यकर्ताओं को बनाया जा रहा है ताकि स्थानीय निकाय चुनाव में सपा को इसका लाभ दिलाया जा सके।
विधानसभा चुनाव के नतीजों पर बसपा प्रमुख ने कहा कि वे चुनाव परिणाम सीटों के हिसाब से पार्टी की उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 11, 2012, 17:40