हिंसा की सीबीआई जांच की मांग पर यूपी सरकार से जवाब तलब

हिंसा की सीबीआई जांच की मांग पर यूपी सरकार से जवाब तलब

हिंसा की सीबीआई जांच की मांग पर यूपी सरकार से जवाब तलबलखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी(सपा) की सरकार बनने के बाद हुई साम्प्रदायिक हिंसा की सभी प्रमुख घटनाओं की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है।

सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की तरफ से दायर जनहित यचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी की पीठ ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। साथ ही अदालत ने सरकार की अपर महाधिवक्ता बुलबुल गोदियाल को सर्वोच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय की पीठ में दंगों के सम्बंध में दायर मुकदमों की स्थिति से भी अवगत कराने को कहा।

याचिका में कहा गया है कि मौजूदा अखिलेश यादव सरकार और उसके अधिकारियों की नीति इस प्रकार रही है कि इसमें एक धर्म विशेष के प्रति स्पष्ट झुकाव साफ दिख जाता है। पिछले डेढ़ साल में जितनी भी साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई, उनमें पुलिस द्वारा खास समुदाय के आरोपियों के प्रति कार्रवाई करने में शिथिलता बरती गई, जिस कारण दूसरे समुदाय के लोगों में सरकार के प्रति अविश्वास की भावना बलवती होती जा रही है।

याचिकाकर्ता ने पहली जून, 2012 को मथुरा में हुई साम्प्रदायिक घटना से लेकर प्रतापगढ़, बरेली, लखनऊ, इलाहाबाद, गाजियाबाद, फैजाबाद, आजमढ़ से मेरठ और अमेठी तक की विभिन्न घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इन सभी मामलों में राज्य सरकार द्वारा कार्रवाई में ढील बरती गई और कार्रवाई पक्षपातपूर्ण रही।

ठाकुर ने इन सभी साम्प्रदायिक घटनाओं की जांच गुजरात में साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं की तर्ज पर सीबीआई द्वारा कराए जाने की अदालत से मांग की है। ठाकुर ने याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुजफ्फरनगर की घटना की जांच के लिए गठित किए गए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति विष्णु सहाय आयोग में उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश को शामिल कर साम्प्रदायिक हिंसा की सभी प्रमुख घटनाओं की जांच कराए जाने का अनुरोध किया था। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, September 17, 2013, 16:15

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