Last Updated: Thursday, November 8, 2012, 22:19

जामनगर (गुजरात) : गुजरात के निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के खिलाफ गुरुवार को एक स्थानीय अदालत ने हत्या और अन्य अपराधों के लिए आरोप तय किए।
हिरासत में प्रताड़ना और मौत के 22 साल पुराने एक मामले में भट्ट के अलावा छह और आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी आरोप तय किए गए हैं।
जामखम्बालिया सत्र न्यायाधीश एन.टी. सोलंकी ने आरोपी पुलिस कर्मियों के आवेदन खारिज करने के बाद आज आरोप तय करने की प्रक्रिया पूरी की और सबूत दर्ज करने के लिए चार दिसंबर की तारीख नियत की।
नरेंद्र मोदी सरकार के साथ टकराव की वजह से सुखिर्यों में आए भट्ट ने मुख्यमंत्री पर 2002 में गोधरा ट्रेन नरसंहार के बाद हुए दंगों में संलिप्तता का आरोप लगाया था।
भट्ट के साथ जिन छह अन्य पुलिस कर्मियों पर आरोप तय किए गए हैं वह दीपक भगवानदास शाह, केशुभाई जडेजा, शैलेश पंड्या, प्रवीणसिंह जोरूभा झाला, प्रवीणसिंह बाबूभाई झाला और अनूप सिंह जेठवा हैं।
यह मामला प्रभुदास वैष्नानी नामक व्यक्ति की मौत से संबंधित है। वैष्नानी जाम्खम्बालिया पुलिस थाने में हिरासत में था और कथित तौर पर चोटों की वजह से उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने 30 अक्तूबर 1990 की रात उसे कथित तौर पर प्रताड़ित किया था।
भट्ट उन दिनों जामनगर में सहायक पुलिस अधीक्षक थे। उन्होंने वैष्नानी तथा 100 से अधिक अन्य लोगों को दंगा तथा अन्य अपराधों के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। यह लोग रथ यात्रा निकाल रहे भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे।
अदालत ने इस मामले के सातों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 323 (अपने आप किसी को चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग करने के उद्देश्य से इरादतन अपमानित करना), 506 (1) (आपराधिक तरीके से भयभीत करना) सहित अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए।
सरकारी वकील विमल चोटाई ने कहा ‘इतने साल के विलंब के बाद आखिकार सुनवाई शुरू हुई और अब हमें उन गवाहों की सूची को अंतिम रूप देना है जिनसे हमें पूछताछ करनी है।’
वैष्नानी के भाई अमृतलाल वैष्नानी ने भट्ट तथा छह अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 8, 2012, 22:19