Last Updated: Tuesday, August 27, 2013, 15:24

मुंबई : सुजीत सरकार की `मद्रास कैफे` में बॉलीवुड अदाकारा नरगिस फाखरी की मजबूत उपस्थिति और अपनी भूमिका के प्रति उनकी समझ उनके लिए उनकी जीत है। नरगिस का कहना है कि अपनी पहली फिल्म `रॉकस्टार` के बाद वह कुछ समझ नहीं पा रही थीं।
वर्ष 2011 में अपनी शुरुआत के बाद का समय नरगिस के लिए काफी पेचीदा था। फिल्म निर्माता इम्तियाज इली, अभिनेता रणबीर कपूर और `रॉकस्टार` के अन्य सभी सदस्यों ने नरगिस का काफी सहयोग किया। लेकिन फिल्म प्रदर्शित होने के बाद जब उन्हें और उनके प्रदर्शन को खारिज कर दिया गया तो नरगिस को लगा कि वह इस शहर और पेशे से बिल्कुल अलग हैं। वह इसके बारे में कुछ नहीं जानती थीं।
नरगिस ने कहा कि मैं परेशान और अनभिज्ञ थी। न्यूयार्क में जन्मीं नरगिस ने कहा कि यह मेरे लिए निराशाजनक समय था। मुझे विज्ञापन और पत्रिकाओं के आवरणों की शूटिंग मिल रही थी। लेकिन स्पष्ट कहूं तो `रॉकस्टार` का अनुभव बहुत बड़ी बात थी। यह मेरी संस्कृति से अलग थी, इसे करना मुश्किल था। नरगिस ने कहा कि मैं यहां की संस्कृति और माहौल को नहीं जानती थी। फिर भी वह मानती हैं कि हाल ही में जॉन अब्राहम अभिनीत `मद्रास कैफे` में युद्ध संवाददाता की भूमिका उनके लिए उपयुक्त थी।
उन्होंने कहा कि मैंने एक पत्रकार की भूमिका निभाई है। यहां मुझे सिर्फ अंग्रेजी बोलनी थी। `मद्रास कैफे` में मुझे बोलने को मिला। `रॉकस्टार` में किसी और की आवाज पर अभिनय मेरे लिए बहुत मुश्किल था। `मद्रास कैफे` में सादगी भरे किरदार में नरगिस ने खूब आनंद उठाया। उन्होंने कहा कि मद्रास कैफे में मुझे भारी मेकअप नहीं करना पड़ा। मुझे उतना सहज अभिनय करना था। जितना मैं कर सकती थी। श्रीलंकाई गृह युद्ध पर आधारित `मद्रास कैफ` 23 अगस्त को सिनेमाघरों में उतरी थी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 27, 2013, 15:24