Last Updated: Monday, December 3, 2012, 17:59

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने दिवंगत सुपरस्टार राजेश खन्ना के परिवार के सदस्यों के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले में कार्यवाही पर आज 17 दिसंबर तक रोक लगा दी। यह मामला एक महिला ने दायर किया है जिसका दावा है कि उनका राजेश खन्ना के साथ सह-जीवन (लिव-इन) का संबंध था।
न्यायमूर्ति के यू चांदीवाल ने उपनगरीय बांद्रा की मजिस्ट्रेट अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए अनीता आडवाणी को नोटिस जारी किया। आडवाणी का दावा है कि राजेश खन्ना के आखिरी कुछ साल के दौरान उन्होंने पत्नी की तरह उनकी देखभाल की थी।
अदालत राजेश खन्ना की पत्नी डिंपल और दामाद अक्षय कुमार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में उन्होंने मजिस्ट्रेट अदालत की अपने तथा परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ शुरू कार्यवाही को चुनौती दी थी। राजेश खन्ना की बेटियां ट्विंकल और रिंकी भी ऐसी ही याचिकाएं दाखिल करने की प्रक्रिया में हैं आडवाणी ने डिंपल तथा अन्य के खिलाफ अपनी शिकायत में दावा किया था कि उन्हें खन्ना के निधन के बाद उनके बंगले आशीर्वाद से बाहर कर दिया गया था। उन्होंने राजेश खन्ना की संपत्ति से गुजारा भत्ते की मांग की है।
डिंपल ने दलील दी है कि वह खन्ना की कानूनी रूप से शादीशुदा वैध पत्नी हैं और ऐसे में कोई अन्य महिला पति द्वारा छोड़ी गयी संपत्ति में हिस्सेदारी का दावा नहीं कर सकती। डिंपल ने दलील दी कि मजिस्ट्रेट को शिकायत स्वीकार नहीं करनी चाहिए थी क्योंकि इसमें ‘‘निराधार’’ आरोप लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट की ओर से यह सुझाव देना ‘‘अनुचित’’ था कि वह और उनके परिवार के सदस्य शिकायतकर्ता के साथ समझौता करें। मजिस्ट्रेट ने पिछले हफ्ते आडवाणी की शिकायत पर सुनवाई करते हुए डिंपल, उनके बेटियों ट्विंकल और रिंकी तथा दामाद अक्षय कुमार को समन जारी करते हुए उन्हें अदालत में पेश होने को कहा था ताकि वे आरोपों का जवाब दे सकें। शिकायत में घरेलू हिंसा के अलावा खन्ना की वसीयत में फर्जीवाड़ा किए जाने का भी आरोप लगाया गया है।
अक्षय कुमार ने डिंपल की दलील का समर्थन किया कि आडवाणी को राजेश खन्ना की संपत्ति में दावा करने का कोई अधिकार नहीं है। कहा जाता है कि राजेश खन्ना की संपत्ति करीब 500 करोड़ रुपए की है।
आडवाणी ने अपनी शिकायत में खन्ना की संपत्ति से हर महीने 10 लाख रुपए का गुजारा भत्ता मांगा है। इसके अलावा उन्होंने खन्ना के बंगले आशीर्वाद में जाने की इजाजत भी मांगी है। आडवाणी ने दावा किया है कि आशीर्वाद में वे कई साल तक पति..पत्नी के रूप में रहे हालांकि उनकी शादी नहीं हुयी थी। डिंपल और अक्षय दोनों ने कहा कि जब आडवाणी ने खुद ही जिक्र किया है कि उन्हें पहले भी कई बार आशीर्वाद से बाहर कर दिया गया था, तो उस समय घरेलू हिंसा की शिकायत उन्होंने क्यों नहीं की। उन्होंने दलील दी कि खन्ना के निधन के तीन महीने बाद आडवाणी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। यह जताता है कि आडवाणी की एकमात्र मंशा संपत्ति हड़पना है।
दोनों ने आडवाणी के उस आरोप को भी खारिज कर दिया कि जब खन्ना गंभीर रूप से बीमार थे और वह कुछ नहीं समझ पा रहे थे, उस समय वसीयत पर उनके अंगूठे का निशान लिया गया।
दोनों ने खन्ना के साथ ‘‘घरेलू संबंध’’ होने के आडवाणी के दावे को भी खारिज कर दिया और कहा कि खन्ना के निधन के दो दिन पहले आडवाणी द्वारा अपने परिवार को लिखे पत्र में इस बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया है। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 3, 2012, 15:29