Last Updated: Saturday, September 29, 2012, 13:16
ज़ी न्यूज ब्यूरोअभिनेता परेश रावल ने एक बार फिर फिल्म `ओ माई गॉड (ओएमजी)` में अपनी सशक्त अभिनय क्षमता का परिचय दिया है। इस फिल्म में परेश द्वारा निभाए गए किरदार की आज के समाज में सख्त जरूरत है। आस्ट्रेलियाई फिल्म `द मैन हू सूड गॉड` और गुजराती नाटक `कानजी विरुद्ध कानजी` पर आधारित इस फिल्म में धर्म के ठेकेदारों पर तीखा व्यंग्य किया गया है। यह फिल्म धर्म को लेकर समाज में फैले अंधविश्वासों पर कई सवाल करती है।
फिल्म की कहानी के केंद्र में कानजी मेहता (परेश रावल) है जो देवी-देवताओं की मूर्तियों को प्राचीन (एंटीक) बताकर ऊंची कीमत में बेचता है। कानजी मेहता नास्तिक है। उसका मानना है कि लोग पत्थर में भगवान ढूंढते हैं, जबकि वह तो हर इंसान के दिल में बसता है। कानजीभाई बेटी को पायलट और बेटे को क्रिकेटर बनाना चाहता है। लेकिन भूकंप में कानजी की दुकान धराशाही होने से सब सपने धरे रह जाते हैं।
यह प्राकृतिक आपदा उसके सपनों को तोड़ देती है। कानजी बीमा कम्पनी से एक करोड़ रुपए का क्लेम मांगता है, लेकिन भूकंप को ईश्वरीय विपदा बताकर बीमा कम्पनी अपना पल्ला झाड़ लेती है। कानजी कोर्ट का दरवाजा खटखटाता है। कोई वकील उसका साथ नहीं देता, वह अपना केस खुद लड़ता है। लेकिन वकील(मांजरेकर) के साथ धर्म और समाज के ठेकेदार स्वामी लीलाधर (मिथुन चक्रवर्ती), सिद्धेश्वर (नामदेव) कानजी की खिलाफत करते हैं। मुसीबत में कानजी के मददगार बनकर आते हैं भगवान यानी कृष्ण वासुदेव यादव(अक्षय)। फिर मीडिया और जनसमर्थन के साथ कानजी की यह मुहिम अपने अंजाम तक पहुंचती है।
परेश ने इस फिल्म में जोरदार अभिनय किया है। पूरी फिल्म में वह छाए हुए हैं। अक्षय कुमार ने भी परेश का साथ ठीक निभाया है। इनके अलावा ओमपुरी, मिथुन, गोविंद नामदेव और महेश मांजरेकर ने भी अपनी भूमिका से न्याय किया है। जबकि आइटम डांस नंबर `गो गो गोविंदा` में प्रभुदेवा के साथ सोनाक्षी सिन्हा ने लटके-झटके दिखाए हैं।
राइटर-डायरेक्टर उमेश शुक्ला फिल्म को एंटरटेनिंग बनाने में काफी हद तक कामयाब रहे हैं। कई डायलॉग दिल को छूते हैं, गुदगुदाते हैं, अंधविश्वास और आडंबर करने वालों को आईना दिखाते हैं। म्यूजिक, डांस, सिनेमेटोग्राफी और एडिटिंग सभी कुछ अच्छे हैं।
First Published: Friday, September 28, 2012, 15:25