Last Updated: Monday, November 14, 2011, 05:00
कोच्चि : प्रसिद्ध पार्शवगायक केजे येसुदास 14 नवंबर को अपने गायन की स्वर्ण जयंती मनाएंगे। आधी सदी पूर्व उन्होंने अपना पहला गीत रिकार्ड कराया था और इसी के साथ उन्होंने फिल्म जगत में कदम रखा था।
इन 50 वर्षो में उन्होंने 14 भाषाओं में 35,000 से अधिक गीत गाए। दक्षिण भारतीय भाषाओं के अलावा उन्होंने कई हिंदी फिल्मों के लिए भी गीत गाए जो काफी लोकप्रिय हुए। उनके गाए गीत 'गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा', 'सुरमई अखियों में', 'दिल के टुकड़े टुकड़े करके', 'जानेमन जानेमन तेरे दो नयन', 'चांद जैसे मुखड़े पे' सबकी जुबां पर चढ़ गए। दक्षिण भारतीय भाषाओं में उन्होंने कई सफल फिल्में भी बनाईं जैसे 'वडाक्कुम नाथम', 'मधुचंद्रलेखा' और 'पट्टनाथिल सुंदरन'।
केरल के संस्कृति मंत्री केसी जोसेफ ने कहा कि केरल सरकार इस अवसर पर येसुदास को सम्मानित करेगी। जोसेफ ने कहा, ..कई लोगों का अनुरोध आया है कि येसुदास को राज्य-गायक का दर्जा दिया जाए लेकिन संविधान राज्य सरकार को किसी व्यक्ति विशेष को उपाधि देने की अनुमति नहीं देता है। ऐसे में हम उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड (जीवनर्पयत उपलब्धि पुरस्कार) प्रदान करेंगे। इस दिशा में कार्य चल रहा है।
सुरों के सरताज येसुदास 71 वर्ष के हो गए हैं। उनका जन्म फोर्ट कोच्चि में ऑगस्टाइन जोसेफ और एलिसकुट्टी के घर हुआ था। उनके पिता मलयालम के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक एवं रंगमंच अभिनेता थे। येसुदास के प्रथम गुरु भी वही थे।
येसुदास को पद्मश्री एवं पद्मभूषण सहित सात राष्ट्रीय तथा 17 राज्यस्तरीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 14, 2011, 10:30