चेन्नई एक्सप्रेस (रिव्यू): एक्शन और रोमांस का सुपरफास्ट तड़का-‘Chennai Express’ review: This vehicle is worth being on-board at least once!

चेन्नई एक्सप्रेस (रिव्यू): एक्शन और रोमांस का सुपरफास्ट तड़का

चेन्नई एक्सप्रेस (रिव्यू): एक्शन और रोमांस का सुपरफास्ट तड़काज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली: फिल्म निर्माता रोहित शेट्टी की फिल्म ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ शुक्रवार को रुपहले पर्दे पर उतर गई। फिल्म ‘ओम शांति ओम’ में एक साथ नजर आए शाहरुख खान औऱ दीपिका पादुकोण की जोड़ी ने इस फिल्म के जरिए एक बार फिर रंग जमाने की कोशिश की है। अपने खास फार्मूले से फिल्में बनाने में माहिर रोहित इस फिल्म में ‘गोलमाल’ सीरीज जैसा प्रभाव छोड़ पाने में असफल साबित हुए हैं। रोहित ने अपनी इस फिल्म में रोमांस, एक्शन और हंसी का जोरदार तड़का लगाया है।

फिल्म की कहानी राहुल (शाहरुख) की यात्रा से शुरू होती है। राहुल अपनी छुट्टियां गोवा में अपने दोस्तों के साथ बीताने के लिए रवाना होता है लेकिन अपनी दादी के दबाव में आकर उसे अपने दादा की अस्थियां रामेश्वर में बहाने के लिए जाना पड़ता है। राहुल चेन्नई एक्सप्रेस में सवार होता है और यहीं से उसकी सारी योजनाएं तमिलनाडु की एक लड़की मीना (दीपिका पादुकोण) विफल कर देती है। मीना कोंबन गांव के डॉन दुगेश्वरा की लड़की है। अपने चार भाइयों द्वारा पीछा की जा रही मीना, शाहरुख से टकरा जाती है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है मीना और राहुल में प्रेम हो जाता है। दुगेश्वरा का पिता मीना की इच्छा के विरुद्ध उसकी शादी करना चाहता है। इसके बाद फिल्म टिपिकल मुंबइया कहानी पर आधारित है।

इस फिल्म का पल्स प्वाइंट इसका लोकेशन है। हिंदी में पहली बार दक्षिण के लोकेशन का इतना बेहतरीन इस्तेमाल किया गया है। रोहित स्टाइल में कारों के परखच्चे उड़ते सीन फिल्म की खासियत हैं। शाहरुख-दीपिका की जोड़ी को अगर छोड़ दिया जाए तो फिल्म के ज्यादातर कलाकार दक्षिण भारत से हैं।

अभिनय की अगर बात करें तो शाहरुख ने पहली बार इस फिल्म में ऐसे कई ऐक्शन सीन्स किए हैं, जिनसे आज तक वह बचते रहे हैं। इंटरवल से पहले शाहरुख अपने किरदार के साथ न्याय नहीं कर पाए। दीपिका ने बेहतरीन तरीके से किरदार निभाया है। रोहित शेट्टी का निर्देशन इस बार कमजोर साबित हुआ है। ऐक्शन सीन्स और लोकेशन्स को छोड़ दें तो फिल्म की कहानी कमजोर लगती है। रोहित अपनी अन्य फिल्मों की कहानी की रफ्तार इस बार नहीं दे पाए हैं।

फिल्म का गीत संगीत कुछ खास नहीं है। `कश्मीर मैं तू कन्याकुमारी` गाने बेहतरीन ढंग से शूट किया गया है। वहीं, दूसरे गानों में दक्षिण का प्रभाव साफ झलकता है। संगीतकार विशाल-शेखर ने औसत संगीत दिया है। कुल मिलाकर रोहित शेट्टी से दर्शक जिस तरीके की फिल्म की उम्मीद कर रहे थे, रोहित वैसी फिल्म पेश नहीं कर पाए हैं। बेहतरीन लोकेशंस फिल्म की खासियत है। कहानी का कमजोर होना खलता है। शाहरुख और दीपिका की केमेस्ट्री और रोहित शेट्टी के अंदाज का मजा पाने के लिए ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ की सवारी एक बार की जा सकती है।

First Published: Friday, August 9, 2013, 16:23

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