Last Updated: Sunday, July 1, 2012, 15:33
ज़ी न्यूज ब्यूरोमुंबई : नशा कैसे इंसान को धीरे-धीरे पी जाता है, कैसे इंसान इसकी गिरफ्त में आकर अपना सबकुछ खो बैठता है, आमिर खान के रियल्टी शो `सत्यमेव जयते` में उजागर हुआ। यहां तक कि जानेमाने गीतकार जावेद अख्तर ने भी शो में यह कबूल किया कि उन्होंने 11-12 साल तक एक नशेड़ी की तरह हर रात एक बोतल शराब पी है। पत्रकार विजय सिन्हा की नशे की वजह से अर्श से फर्श तक पहुंचने और फिर नशे से मुक्त होकर अपनी जिंदगी को संवारने की कहानी नशेबाजों के लिए काफी प्रेरक हो सकती है।
शराब का नशा एक ऐसी घिनौनी समस्या है जो लाखों परिवारों को बिना किसी दोष के अपार कष्टों की सजा दे रही है। नशे का सेवन इंसान के भीतर की दुर्बलताओं से उपजी आंतरिक समस्या है जिसका समाधान भी भीतर से ही संभव है। जब आप स्वयं को अपनी ही बुराइयों के खिलाफ खड़ा करते हैं तो मजबूत कलेजा चाहिए। शराब जैसे जहर को हाथ में लेने से पहले एक बार यह सोचना है कि शराब हम नहीं पी रहे बल्कि शराब हमें पी रही है। हमें ही अपने आपको बचाना है।
जावेद अख्तर ने इस शो में कहा, `मैंने 20-25 साल तक खूब शराब पी है। शुरू-शुरू में थोड़ी कम पी लेकिन धीरे-धीरे यह बढ़ती गई। आखिरी के 11-12 साल तो रात को रोज एक बोतल पी। लोग मुझे बहुत समझदार समझते हैं लेकिन मैं सोचता हूं कि यदि ऐसा है तो फिर मुझे इस शराब को छोड़ने में 27 साल क्यों लगे?`
आमिर ने जावेद से सवाल किया कि आपको क्या लगता है कि लोग शराब क्यों पीते है? जवाब में अख्तर ने कहा, मुझे लगता है कि शराब एक ग्लैमर है। युवा समझते हैं कि शराब पीकर वे बड़े हो रहे हैं। वे शराब पहली बार इसी जुनून में पीते हैं लेकिन धीरे-धीरे यह बढ़ती जाती है। फिल्मों में हीरो शराब पीकर बड़े अच्छे-अच्छे डायलॉग बोलता है, लेकिन असल में ऐसा नहीं होता। मेरी नजर में शराब पीकर कोई आदमी तीन ही तरह का लग सकता है- घिनोना, गधा या फिर दोनों।
डॉ. आशीष देशपांडे शराब को लत नहीं बीमारी मानते हैं। उनका मानना है कि अगर बीमारी हमारी है तो इलाज भी हमें ही कराना है और इस इलाज की शुरुआत संकल्प से ही संभव है। आमिर ने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे प्रदेश सरकारों को दिए गए अधिकारों की जानकारी दी जिन्हें शराब को अपने क्षेत्र में प्रतिबंधित करने का पूरा हक है।
First Published: Sunday, July 1, 2012, 15:33