Last Updated: Tuesday, March 20, 2012, 12:00
मुंबई : एक ओर जहां स्वर कोकिला लता मंगेशकर भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सौवें शतक से खुश हैं वहीं वह तेंदुलकर के खेल से संन्यास लेने के सुझाव से बेहद दुखी हैं।
लता ने गुस्से में कहा कि हम अपने कलाकारों और खिलाड़ियों को अच्छा करने को क्यों कहते हैं। हम उनके प्रदर्शन से क्यों चिंतित रहते हैं? लोगों को लगता है कि मेरे लिए सब कुछ आसान रहा है लेकिन मैंने भी करियर में खराब दौर देखी है। मेरे करियर में एक समय ऐसा भी आया जब मैं इसे छोड़ने को तैयार हो गई थी, लेकिन मैंने उसका डटकर मुकाबला किया। और ऐसा ही सचिन ने भी किया।
उल्लेखनीय है कि सचिन ने शुक्रवार को ढाका में एशिया कप के अंतर्गत बांग्लादेश के खिलाफ 100वां अंतर्राष्ट्रीय शतक लगाया था। लता का कहना है कि सचिन के सौवें शतक को लेकर उन पर दबाव होने का उपहास उड़ाया जा रहा था।
बकौल लता, इसका मतलब यह है कि उनके द्वारा बनाए गए 99 शतक कोई मायने नहीं रखते। मेरा कहना है कि हम एक राष्ट्र के रूप में अपने बहुमूल्य का सम्मान नहीं करते। सचिन बुरे दौर से गुजर रहे थे। लता ने कहा कि सौभाग्यवश, वह कभी भी इसे हासिल करने के लिए दबाव में नहीं दिखे। वह लगातार खेलते रहे क्योंकि वह इस खेल से प्यार करते हैं। मैं इसे समझ सकती हूं। मैंने भी कभी ऐसा नहीं किया था कि मुझे क्या करना है क्योंकि मैं पहले अच्छा कर चुकी थी। मैंने यह नहीं सोचा कि मैं इससे कैसे बाहर निकलूंगी और लगतार गाती रही।
लता ने सचिन के संन्यास के बारे में कहा कि उन्हें संन्यास क्यों लेना चाहिए? किसी गायक या खिलाड़ी के संन्यास लेने का फैसला कौन करेगा? सचिन जब चाहेंगे वह संन्यास ले लेंगे।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 20, 2012, 17:31