`स्वर कोकिला` लता मंगेशकर हुईं 84 बरस की, फैंस ने कहा, तुम्हें हमारी उम्र लग जाए

`स्वर कोकिला` लता मंगेशकर हुईं 84 बरस की, फैंस ने कहा, तुम्हें हमारी उम्र लग जाए

`स्वर कोकिला` लता मंगेशकर हुईं 84 बरस की, फैंस ने कहा, तुम्हें हमारी उम्र लग जाएज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली: भारत की `स्वर कोकिला` लता मंगेशकर के गाए मशहूर गीत हे मेरे वतन के लोगों, मेरी आवाज ही पहचान है, तुम्हें हमारी उम्र लग जाए, मेरे हाथों में 9-9 चूड़िया हैं (चांदनी), ओ पालन हारे (लगान), आजा शाम होने आई (मैनें प्यार किया), सत्यम शिवम सुंदरम्, अंगुली में अंगुठी में नगीना (राम अवतार), रात भी है कुछ भीगी भीगी (अग्निपथ), दीदी तेरा देवर दीवानी (हम आपके है कौन) आज भी लोगों के दिलों पर राज करते हैं। सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर आज (28 सितंबर को) 84 वां जन्मदिन है। सभी देशवासी आज उनका जन्मदिन मना रहा है और उन्हें शुभकामनाएं देते हुए यही कह रहे हैं। लता दीदी, तुम्हें मेरी उम्र लग जाए....।

मध्य प्रदेश के इंदौर में 28 सितंबर 1929 को जन्मीं कुमारी लता दीनानाथ मंगेशकर रंगमंचीय गायक दीनानाथ मंगेशकर और सुधामती की पुत्री हैं। लता दीनानाथ मंगेशकर आज 84 साल की हो गई है। चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता को उनके पिता ने महज 5 साल की उम्र से ही संगीत की तालीम दिलवानी शुरू की थी। उन्हें बचपन से गाने का शौक था। लता ने एक बार बातचीत में बताया था कि जब वह चार-पांच साल की थीं स्टूल पर खड़े होकर किचन में अपनी मां को गाने सुनाया करती थीं। जब लता सात साल की थीं, तब उनका परिवार मुंबई आ गया और उनकी परवरिश मुंबई में हुई।

लता मंगेशकर में महज 14 साल की उम्र में गायन के क्षेत्र में कदम रखा। फिल्मों में पार्श्वगायन की शुरूआत 1942 में मराठी फिल्म `कीती हसाल` से हुई, लेकिन दुर्भाग्य से यह गीत फिल्म में शामिल नहीं किया गया। लता को भी सिनेमा जगत में कॅरियर के शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष करना पड़ा। उनकी पतली आवाज के कारण शुरुआत में संगीतकार फिल्मों में उनसे गाना गवाने से मना कर देते थे। अपनी लगन और प्रतिभा के बल पर हालांकि धीरे-धीरे उन्हें काम और पहचान दोनों मिलने लगे। 1947 में आई फिल्म `आपकी सेवा में` में गाए गीत से लता को पहली बार बड़ी सफलता मिली और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने कुछ हिंदी और कुछ मराठी फिल्मों को आवाज दी। कई हिट सुपरहिट गानों के साथ लता जी ने अपने करियर 7 दशक पूरे कर लिए है।

अगर यू कहें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा कि लता मंगेशकर हिंदी सिनेमा में गायकी का दूसरा नाम है। लता जी गाया हुआ गाना `हे मेरे वतन के लोगों, आज भी हमें देश के प्रति बलिदान करने वाले शहीदों की याद दिलाता है। वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद जब एक कार्यक्रम के दौरान लता ने पंडित प्रदीप का लिखे हुए इस गाने को गाया था तो तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की आंखों में आंसू आ गए थे।

लता मंगेशकर ने अपने करियर में कई म्यूजिक डायरेक्टर्स, कम्पोजर्स जैसे ए डी बर्मन, शंकर जयकिशन आदि के साथ काम किया लेकिन उन्होंने फेमस म्यूजिक डायरेक्टर ओ पी नय्यर के साथ काम नहीं किया। नय्यर के साथ आशा भोंसले ने काम किया। एक बार लता जी ने कहा कि मुझे इस बात की कमी अखरती है कि मैंने ओ पी नय्यर के साथ काम नहीं किया। मालूम हो कि लता जी और नय्यर के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था।

लता मंगेशकर ने फिल्मी व देशभक्ति गानों के साथ-साथ भजनों को भी आवाज दी। भजनों का नाम आते ही लता जी का गाया हुए गाना `राम रतन धन पायो जरूर याद आता है। एक राधा और एक मीरा, दोनों ने श्याम को चाहा, यह गाना श्रोताओं को आज भी खूब लुभाता है। जब यह भजन कहीं बज रहा हो तो ऐसा लगता है कि स्वयं लता जी वहां साक्षात गा रही है।

भारत सरकार ने लता को पद्म भूषण (1969) और भारत रत्न (2001) से सम्मानित किया। सिनेमा जगत में उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और फिल्म फेयर पुरस्कारों सहित कई अनेकों सम्मानों से नवाजा गया।
वैसे तो लता दीदी ने अपने करियर कई गानों को आवाज दी है और उनके गाए हुए गाने एक से बढ़कर एक है। कुछ खास गाने आपके समक्ष पेश है जो हमेशा संगीत प्रेमियों की जुबां पर सुनने को मिलते है।

First Published: Saturday, September 28, 2013, 12:17

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