Last Updated: Tuesday, January 17, 2012, 03:15
वाशिंगटन : लौह तत्व मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शरीर में इसकी बहुत कम मात्रा संज्ञानात्मक परेशानियां पैदा करती हैं, तो बहुत ज्यादा मात्रा अल्जाइमर और पार्किन्सन्स जैसे रोगों को बढ़ावा देती है।
लौह तत्व की कमी दुनिया में सबसे ज्यादा पाई जाने वाली पोषक तत्व की कमी है, जिसकी वजह से स्कूली बच्चों की संज्ञानात्मक उपलब्धियों पर प्रभाव पड़ता है। हाल ही में हुई खोज के अनुसार लौह तत्व की कमी मस्तिष्क की संरचना पर भी प्रभाव डालती है।
लास एंजेलिस स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया में तंत्रिकाविज्ञान के प्रोफेसर पॉल थॉम्पसन और उनके साथियों ने किशोर-किशोरियों में ट्रांसफेरीन के स्तर की जांच की। ट्रांसफेरीन एक प्रकार का प्रोटीन है, जिसकी शरीर के विभिन्न हिस्सों और मस्तिष्क में लौह तत्व को पहुंचाने में खास भूमिका होती है।
विज्ञान पत्रिका 'प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल अकादमी ऑफ साइंसेज' की रिपोर्ट के अनुसार शरीर में लौह तत्व की अधिकता और कमी मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर नकारात्मक असर डालती है, इसलिए शरीर में लौह तत्व के परिवहन को नियंत्रित करने वाली व्यवस्था महत्वपूर्ण है।
विश्वविद्यालय के एक बयान के अनुसार जब शरीर में लौह तत्व का स्तर कम होता है, तो लीवर लौह तत्व का परिवहन बढ़ाने के लिए ज्यादा मात्रा में ट्रांसफेरीन बनाता है। शोधकर्ता यह भी जानना चाहते थे कि स्वस्थ वयस्कों में भी मस्तिष्क की संरचना ट्रांसफेरिन के स्तर पर निर्भर करती है या नहीं।
थॉम्पसन की टीम के एक सदस्य ने बताया, हमें परिणामों से पता चला है कि वयस्कों में मस्तिष्क की संरचना उनकी किशोरावस्था में शरीर में पर्याप्त लौह तत्व के स्तर पर निर्भर करती है।
थॉम्पसन की यह खोज 23 वर्ष की औसतन उम्र के 615 स्वस्थ युवा-वयस्क जुड़वा लोगों या भाई-बहनों के एमआरआई स्कैन पर आधारित है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 17, 2012, 08:55