खतरनाक बीमारी स्पैस्टिसिटी को काबू में कर सकता है व्यायाम-Dangerous disease Spastisiti control could exercise

खतरनाक बीमारी स्पैस्टिसिटी को काबू में कर सकता है व्यायाम

खतरनाक बीमारी स्पैस्टिसिटी को काबू में कर सकता है व्यायामनई दिल्ली : मांसपेशियों में विकृति की समस्या स्पैस्टिसिटी कई बार इतनी बढ़ जाती है कि व्यक्ति अपने रोजमर्रा के काम करने में भी अक्षम हो जाता है लेकिन दूसरों पर निर्भर बना देने वाली यह समस्या नियमित व्यायाम से नियंत्रित की जा सकती है।

डॉक्टरों के मुताबिक मस्तिष्क आघात की वजह से होने वाली समस्या स्पैस्टिसिटी वास्तव में मांसपेशियों में विकृति की समस्या है जिसमें मांसपेशियां कड़ी हो जाती हैं और उन पर नियंत्रण की क्षमता भी क्षीण या खत्म हो जाती है। कई बार यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि व्यक्ति एक तरह से अक्षम हो जाता है।

यह समस्या केंद्रीय तंत्रिका तंत्र यानी मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड से मांसपेशियों को भेजे जाने वाले संकेतों के असंतुलन की वजह से होती है। जो लोग सेरिब्रल पाल्सी, मस्तिष्क में चोट, आघात, मल्टीपल स्क्लेरोसिस या स्पाइनल कॉर्ड में चोट से पीड़ित होते हैं, अकसर उन लोगों में ही केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से मांसपेशियों को भेजे जाने वाले संकेतों में असंतुलन पाया जाता है।

मांसपेशियों के कड़े होने की वजह से दर्द भी होता है। लेकिन यह दर्द कितना तेज है यह स्पैस्टिसिटी के स्तर पर निर्भर करता है। खास कर पैरों की मांसपेशियों में स्पैस्टिीसिटी होने पर बहुत तेज दर्द होता है। इस बीमारी का इलाज भी इसके स्तर पर ही निर्भर करता है।

मस्तिष्क की कोशिकाओं को ऑक्सीजन तथा रक्त से अन्य पोषक तत्वों की आपूर्ति बहुत जरूरी है। यह काम रक्त वाहिनियां करती हैं। आघात की वजह से यह आपूर्ति बाधित हो जाती है। अगर नियमित व्यायाम किया जाए तो रक्त वाहिनियों की सक्रियता बरकरार रहती है और मस्तिष्क की कोशिकाओं को उनके लिए आवश्यक तत्वों एवं आक्सीजन की कमी नहीं हो पाती।

मस्तिष्क की कुछ कोशिकाएं अगर आघात के चलते आक्सीजन और पोषक तत्वों के अभाव में मर जाती हैं तो उस भाग का संबंधित मांसपेशियों और उनकी गतिविधियों पर से नियंत्रण खो जाता है। ये गतिविधियां चलने फिरने से ले कर बोलने तक कुछ भी हो सकती हैं।

नियमित व्यायाम भले ही लोगों को महत्वपूर्ण न महसूस हो लेकिन इसकी वजह से रक्त की आपूर्ति को निर्बाध बनाए रखने में बहुत मदद मिलती है। कई बार जोड़ों के दर्द या उनमें कड़ापन महसूस होता है जिसका कारण अकसर थकान को माना जाता है। पर इसका कारण स्पैस्टिसिटी भी हो सकता है जिसकी वजह से कमर में दर्द होता है जो जोड़ों तक पहुंच जाता है।

स्पैस्टिसिटी के कारण मरीज के लिए चलना फिरना, हाव भाव जाहिर करना और संतुलन आदि में समस्या होने लगती है क्योंकि मस्तिष्क वांछित मांसपेशियों तक संकेत भेजने की अपनी क्षमता खो देता है। इससे शरीर के एक अंग या अधिक अंग या शरीर के एक तरफ के हिस्से की क्षमता पर असर पड़ता है। आघात के ज्यादातर मरीज स्पैस्टिसिटी की समस्या की गिरफ्त में नहीं आते लेकिन जो आते हैं उनके लिए अक्सर जीवन जीना दूभर हो जाता है। व्यायाम ऐसे मरीजों के लिए बहुत मददगार साबित हो सकता है। (एजेंसी)




First Published: Thursday, May 30, 2013, 13:24

comments powered by Disqus