Last Updated: Tuesday, January 8, 2013, 10:31

कानपुर : कड़ाके की ठंड में वैसे तो सभी को सावधान रहने की जरूरत है, लेकिन उच्च रक्तचाप और दिल की बीमारी के मरीज इन दिनों थोड़ा ज्यादा एहतियात बरतें क्योंकि ठंड भगाने के लिए खाने या ‘पीने’ में की गई जरा सी लापरवाही उनके लिये परेशानी का सबब बन सकती है।
डाक्टरों का मानना है कि भीषण सर्दी उच्च रक्तचाप और दिल की बीमारी के मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है, इस लिये सर्दी से तो बचाव करें ही साथ ही साथ खान पान पर भी ध्यान दें और तेल और मक्खन से बने खादय पदाथरे से पूरी तरह बचें।
उनका कहना है कि लोगों के मन में एक गलतफहमी है कि सर्दी के दिनों में गर्म चीजें जैसे गुड़ से बनी गजक आदि खाने से या व्हिस्की या रम के दो पैग गुनगुने पानी से लेने से सर्दी भाग जाएगी, लेकिन दरअसल ऐसा नहीं है क्योंकि ऐसा करने से आपको फौरी तौर पर भले ही सर्दी से राहत मिले, लेकिन बाद में रक्तचाप और ब्लड शूगर बढ़ सकता है, जो नुकसानदेह साबित हो सकता है।
संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के कार्डियोलोजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर सुदीप कुमार ने बताया कि सर्दियां बच्चों और बुजुर्गो के लिये तो खतरनाक होती ही हैं लेकिन हाई ब्लड प्रेशर अथवा दिल की किसी बीमारी के मरीजों के लिए भी खासी परेशानी पैदा करती हैं। सर्दी में उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिये सबसे बड़ी परेशानी यह है कि ठंड की वजह से पसीना नहीं निकलता है और शरीर में नमक (साल्ट) का स्तर बढ़ जाता है जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है। प्रो. कुमार ने बताया कि सर्दी में शारीरिक गतिविधियां कम होने से भी रक्तचाप बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है और रक्तचाप बढ़ने से दिल के दौरे का जोखिम बढ़ जाता है।
सर्दी में धमनियों में सिकुड़न से खून में थक्का जमने की आशंका बढ़ जाती है, जो दिल के रोगियों के लिए ठीक नहीं है। इस तरह के रोगियों को सर्दी में अधिक चिकनाई वाले खादय पदार्थों से बचना चाहिए क्योंकि सर्दी में दिल को अन्य दिनों की तुलना में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है जो कभी कभी उस पर भारी पड़ जाती है। पीजीआई के डा. सुदीप के अनुसार ठंड में उच्च रक्तचाप और दिल के मरीज सुबह की सैर से बचें और हो सके तो शाम को टहल लें या व्यायाम कर लें। उन्होंने सलाह दी कि इस तरह के रोगियों को इतना चलना या व्यायाम करना चाहिए कि इनके शरीर से पसीना निकलने लगे। इसके लिये खुले मैदान में जाना जरूरी नहीं, किसी हेल्थ क्लब या घर में ही व्यायाम कर अपने को चुस्त दुरूस्त रखा जा सकता है।
उन्होंने रक्तचाप और दिल के मरीजों को सात या आठ घंटे की नींद लेने की सलाह दी ताकि तनाव से बचे रहें। साथ ही सर्दी में शरीर और कानों को गर्म कपड़े से ढक कर रखने पर जोर दिया क्योंकि जरा सी लापरवाही परेशानी का कारण बन सकती है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के पिं्रसिपल प्रो नवनीत कुमार ने बताया कि सर्दी के मौसम में हैलेट अस्पताल आने वाले उच्च रक्तचाप और दिल के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 8, 2013, 10:31