Last Updated: Thursday, January 12, 2012, 10:42
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली : सर्दियों में जुकाम सबसे आम बीमारी है। 100 से भी ज्यादा ऐसे वायरस हैं, जो इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं और यह बड़ी आसानी से फैलता है। इसलिए जुकाम फैलाने वाले वायरसों के संक्रमण से बचना काफी मुश्किल होता है। शरीर में पहुंचने के बाद ये वायरस संख्या में बढ़ने शुरू होते हैं, जिससे इसके लक्षण दिखाई देने शुरू होने लगते हैं। गले में खराश, छींके एवं नाक बहना, आंखों से पानी निकलना, बदन दर्द एवं खांसी, सांस लेने में परेशानी या हल्का बुखार आने जैसे कई लक्षण सामने आते हैं।
आमतौर पर कहा जाता है कि जुकाम तीन दिनों की बीमारी है, लेकिन चिकित्सकों की मानें तो इसके वायरस की उम्र पूरे एक सप्ताह यानी 7 दिनों की होती है। आमतौर पर यह किसी औषधि से नहीं मरता। औषधियां केवल लक्षणों को ठीक करने के लिए दी जाती हैं। यह कहावत बहुत आम है कि जुकाम भगाने की दवाएं खाएं तब भी यह 7 दिन में ठीक होता है और नहीं खाएं तब भी एक हफ्ते में ठीक होता है।
चिकित्सकों के अनुसार, जुकाम होने पर अनावश्यक श्रम से बचना चाहिए। नियमित काम कर सकते हैं, लेकिन इस दौरान धूल और धुएं से बचना चाहिए, नहीं तो हालत बिगड़ सकती है। भरपूर आराम के साथ ही पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेना चाहिए, विशेषकर फलों का रस जरूर लें। जुकाम के कारण पाचन तंत्र भी निष्क्रिय पड़ जाता है, इसलिए हल्की व सुपाच्य भोजन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेते रहना चाहिए। कफ सिरप आदि से राहत मिल सकती है, लेकिन ये जुकाम का बचाव या इलाज नहीं होता है और न ही इनसे बीमारी जल्दी ठीक होती है।
सर्दी-जुकाम से बचने के लिए कोई टीका नहीं है। हां, कुछ उपाय जरूर कर सकते हैं। अपने आहार की ओर ध्यान दें, प्रतिदिन ऐसा आहार लें जिसमें सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद हों, पर्याप्त नींद लें और व्यायाम भी करें। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता दुरुस्त रहेगी। बुजुर्गों को हीटर के सामने नहीं बैठना चाहिए, क्योंकि इससे त्वचा रुखी होकर फट सकती है। त्वचा की दरारों के जरिए संक्रमण शरीर के अंदर प्रवेश कर सकते हैं।
First Published: Thursday, January 12, 2012, 16:12