Last Updated: Saturday, October 20, 2012, 18:31

लंदन : एक नए अध्ययन में कहा गया है कि यदि भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन पर मस्तिष्क कोई प्रतिक्रिया न दे तो वजन बढ़ सकता है।
समाचार पत्र ‘डेली मेल’ की खबर के अनुसार, हमारे शरीर में वजन से संबंधित दो मुख्य हार्मोन होते हैं। ग्रेलीन हार्मोन का स्राव अमाशय से होता है और इससे भूख ज्यादा लगती है। यह चयापचय को तथा वसा को खत्म करने की शरीर की क्षमता को धीमा करता है।
दूसरा हार्मोन ‘लेप्टीन’ है जिस पर यह अध्ययन आधारित है। यह हार्मोन शरीर में वजन नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है। इसके लिए यह मस्तिष्क को भूख का अहसास कम करने संबंधी संकेत भेजता है और अधिक कैलोरी खत्म करता है। यही वजह है कि लेप्टीन मोटापे के लिए एक महत्वपूर्ण माना जाता है।
इससे पूर्व के शोध में यह पता चला है कि जिन लोगों में लेप्टीन नहीं पाया जाता उनमें वजन को लेकर ज्यादा समस्या होती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के शोधकर्ताओं ने अपने नए अध्ययन में यह खोज की कि आखिर क्यों लेप्टीन के संकेत ग्रहण करने वाले, मस्तिष्क के रिसेप्टर लेप्टीन काम नहीं कर पाते।
उन्होंने पाया कि रिसेप्टर के दो ‘सिरे’ होते हैं जो तब तक घूमते हैं जब तक कि मस्तिष्क में उनका संपर्क लेप्टीन से नहीं होता। एक आशंका यह है कि मोटे लोगों के रिसेप्टरों में इन ‘सिरों’ का अभाव हो ताकि लेप्टीन मस्तिष्क के रिसेप्टरों से न जुड़ पाए।
यूनिवर्सिटी में लाइफ साइंसेज इंस्टीट्यूट के निदेशक एलन साल्टीएल ने कहा, लेप्टीन भोजन की चाह का मुख्य नियंत्रक है इसलिए मोटापे और मधुमेह की नई दवाओं की खोज में सबसे बड़ी बाधा यह समझ न पाना है कि इसके प्रभावों के लिए प्रतिरोध से मोटापा क्यों होता है। यह अध्ययन मॉलिक्युलर सेल नामक पत्रिका में पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 20, 2012, 18:31