Last Updated: Sunday, March 23, 2014, 12:33
आजादी के 65 वर्ष बाद देश की आबादी साढ़े तीन गुणा बढ़कर 1.20 अरब हो गई है, लेकिन बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के करीब छह लाख पद रिक्त हैं। सर्व शिक्षा अभियान पर हर साल 27 हजार करोड़ रूपए खर्च किए जाने के बावजूद 80 लाख बच्चे स्कूलों के दायरे से बाहर हैं। लेकिन राजनीतिक दलों के समक्ष ये महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा नहीं है।