Last Updated: Saturday, April 27, 2013, 20:57
दिल्ली उच्च न्यायालय ने चिट-फंड कारोबार पर सेवाकर लगाने की केंद्र की अधिसूचना यह कहते हुए रद्द कर दी कि भागीदारों के बीच चिट राशि की नीलामी करने वाले एक फोरमैन का कार्य वित्त कानून में उपलब्ध ‘सेवा’ की परिभाषा के दायरे में नहीं आता है।