Last Updated: Friday, April 6, 2012, 08:38
भारत में वामपंथी बुद्धिजीवियों द्वारा व्यापक तौर पर ‘पहचान की राजनीति’ के सिद्धांत पर चर्चा की जा रही है, जिसमें राजनीति को आकार देने में जाति, धर्म और लिंग अहम भूमिका निभाते हैं।
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