Last Updated: Saturday, May 4, 2013, 18:39
लश्कर-ए-झांगवी और ‘मौत के दस्तों’ की धमकियों और उनके डर के कारण पाकिस्तान के बलुचिस्तान प्रांत में देश में 11 मई को होने वाले आम चुनाव की गहमागहमी थम ही गई है। सिर्फ इतना ही नहीं चुनाव के प्रत्याशी और विभिन्न दलों के नेता उन्हें धमकियां देने वालों के नाम तक बताने को इच्छुक नहीं हैं।