Last Updated: Sunday, October 30, 2011, 05:33
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि किसी आरोपी को अदालतें एकमात्र गवाह के बयान के आधार पर दोषी ठहरा सकती हैं और अभियोजन पक्ष के दावे के मामूली विरोधाभासों की उपेक्षा की जा सकती है।
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